पूनम नाम की एक महिला जिसका नाम पहले कभी नहीं सुना था ने वादा किया था की वर्ल्ड कप की विजय प्राप्ति पर वो विजेता भारतीय खिलाड़ियों के लिए निर्वस्त्र होंगी।
पूनम जी से मेरे दो प्रश्न हैं --
क्या खिलाड़ियों को इतनी तुच्छ मानसिकता का समझा की वो इस घिनौनी पेशकश से खुश होंगे ? विश्व विजेताओं के पास एक खूबसूरत परिवार और शुभचिंतक मित्र होते हैं जिनके साथ वे अपनी खुशियाँ बांटते हैं।
२८ वर्षों बाद मिलने वाली जीत पर निर्वस्त्र होना गवारा है , लेकिन क्या ४२ वर्षों बाद भ्रष्टाचार से मुक्ति जो अन्ना हजारे दिलायेंगे , उसके लिए भी वो निर्वस्त्र होना पसंद करेंगी जहाँ करोड़ों देशभक्तों की भीड़ है और एक ७३ वर्षीय वृद्ध देश की खुशहाली के लिए , निस्वार्थ भाव से , अपनी सेहत के साथ समझौता करके , भूखा प्यासा , भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहा है ?
ऐसी स्त्रियाँ संस्कार और सभ्यता का गला घोंटती हैं, समस्त स्त्री जाती को शर्मसार करती हैं , समा

ज को गलत सन्देश देती हैं , व्यभिचार और अनाचार को निमंत्रण देती हैं ।
ऐसी स्त्रियों के खिलाफ त्वरित कारवाई होनी चाहिए जो अपने संस्कार विहीन विचारों से 'वैचारिक प्रदूषण' करती हैं। इन्हें ये समझने की जरूरत है की देश की जीत सिर्फ विश्व कप में ही नहीं बल्कि और भी उपलब्धियों में है ।
जैसे--
संस्कारों का जीवित रहना।
गरीबों को रोटी मिलना और उन्हें भी मुस्कुराने का अवसर मिलना।
देश का भ्रष्टाचार मुक्त होना।
एक अरब जनता का जागरूक होना ।
बच्चे-बच्चे का साक्षर होना
दहेज़ और कन्या भ्रूण हत्या मुक्त समाज का होना ।
यदि पूनम जैसी स्त्रियों को सुन्दर काया के साथ सुन्दर बुद्धि भी मिलती तो स्त्री-उत्थान और देश का उत्थान दोनों एक साथ ही हो जाता।
और भी बहुत से गम हैं ज़माने में IPL के सिवा । खिलाड़ियों पर करोड़ों लुटाया जाता है और गरीबों के बारे में सोचने के लिए फुर्सत ही नहीं तो धन कहाँ से आएगा । कांच के घरों में रहने वाले , गरीबों के सपनों को कुचलकर नाम कमाते हैं ।
है किसी विश्व-विजेता खिलाड़ी में ये दम की वो इनाम में मिली धन-राशि को गरीबों के नाम समर्पित कर

दे?
Dr. Divya Srivastav,
Thailand

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