खेल 2011 एक नजर

Posted on
  • Saturday, December 31, 2011

  • 1 जनवरी की सुबह जब एम.एस धोनी और भारत की महिला कबड्डी टीम की कप्तान तेजस्विनी चाय के कप को हाथों मे पकड कर चाय की चुस्कियां ले रहे थे तो शायद उन्होने सोचा भी नही होगा के इस साल उनके हाथो मे विश्व कप होगा.


    Chirag Joshi, Ujjain
    chirag@dakhalandazi.co.in

    इस साल खेल की दुनिया मे हर साल की तरह की काफी कुछ घटित हुआ. आइये एक नज़र इस साल की खेल की झलकियों पर- 

    द वाल ने एकदिवसीय क्रिकेट को और मुरली के क्रिकेट के हर फार्मेट को कहा अलविदा
    16 सितबंर 2011 को इंग्लैड के खिलाफ द्रविड ने अपना आखिरी एकदिवसीय मैच खेल कर क्रिकेट के इस फार्मेट को अलविदा कह दिया.
    11 जनवरी 1973 को मध्यप्रदेश के इंदौर शहर मे जन्मे द्रविड ने 3 अप्रैल 1996 को श्रीलंका के खिलाफ अपना पहला एकदिवसीय मैच खेला था. पहले मैच मे वो सिर्फ 3 रन ही बना सके थे. अपने एकदिवसीय करियर मे उन्होने 344 मैच खेले जिनमे 39.16 की औसत से 10889 रन बनाये हैं जिसमे 12 शतक और 83 अर्धशतक शामिल हैं.

    मुरली ने 12 अगस्त  1993 को भारत के खिलाफ ही अपने एकदिवसीय करियर का आगाज़ किया था. अपना आखिरी एकदिवसीय भी उन्होने भारत के खिलाफ ही 2 अप्रैल 2011 को खेला था.

    मुरली ने 133 टेस्ट मे 800 विकेट लिये हैं. एक पारी मे 5 विकेट लेने का कारनामा वो 67 बार कर चुके हैं और 10 विकेट एक मैच मे उन्होने 22 बार लिये हैं.

    341 एकदिवसीय मैचो मे उन्होने 534 विकेट लिये हैं. एक मैच मे 5 विकेट लेने का कारनामा उन्होने 10 बार किया है.

    लगाया जीवन का शतक

    क्रिकेट में एक शतक लगाने की इच्छा तो सबकी होती हैं, और पहले शतक बाद जो ख़ुशी किसी भी batsman को मिलती हैं देखने लायक होती हैं. सचिन तेंदुलकर को 100 वां international  शतक बनाते देखने की इच्छा हर किसी हैं. मगर कोई एक हैं जिसकी जीवन की ये अंतिम इच्छा भी हो सकती है और अगर वो शख्स अगर खुद एक १०० शतक का रिकॉर्ड बना दे तो.

    जी हां south  Africa  के Norman  Gordon  ने ये कर दिखाया है उन्होंने अपने जीवन के 100 साल पूरे कर लिए हैं और ऐसा करने वाले वो एकमात्र टेस्ट cricketer  हैं. 6 अगस्त 1911 को जन्मे Norman Gordon ने अपने career में सिर्फ 5 टेस्ट मैच खेले थे और उनमे 20 wicket  लिए  और 8 रन बनाये थे.


    टेनिस मे चला जोकोविक का जादू
    इस साल टेनिस मे एक नाम बहुत सुर्खियो मे रहा “नोवक जोकोविक”. सर्बिया के इस 24 वर्ष के खिलाडी ने इस साल सबसे पहले आस्ट्रेलियन ओपन, फिर विबंलडन और उसके बाद यूएस ओपन जीत कर टेनिस जगत मे सनसनी फैला दी थी. इसके साथ वो छ्ठे खिलाडी बन गये थे. जिसने एक साल मे तीनों बडे खिताब जीते. इस साल उन्होने वर्तमान टेनिस जगत के दो बडे सितारे “रोजर फेडरर” और “राफेल नडाल” को भी हराया हैं. एक ही साल मे जोकोविक चारो ग्रेंड स्लैम के सेमीफाईनल मे पहुचने वाले सबसे युवा खिलाडी हैं. अभी वे टेनिस जगत मे पुरुषो मे नबंर 1 स्थान पर हैं.

    कब्बडी मे मचा धमाल
    ये साल कब्बडी के लिहाज से तो भारत के लिये काफी अच्छा रहा हैं. भारतीय पुरूष और महिला दोनो टीमो ने कब्बडी का विश्व कप जीता. हालाकि जीत के बाद महिला टीम को विश्व कप को आटो मे ले जाना पड़ा. जिससे इस जीत की खुशी मे थोडी कमी तो आयी थी.

    हाकी मे जीत
    भारत की पुरूष हाकी टीम ने इस साल चाईना मे आयोजित पहली एशियाई हाकी प्रतियोगिता जीत ली. फाईनल मे भारत ने अपने चिरप्रतिद्वंदी पाकिस्तान को पेनाल्टी शूट आऊट मे 4-2 से मात दी थी.

    स्विमिंग मे सन ने बनाया विश्व रिकार्ड
    2011 मे आयोजित हुई वर्ल्ड चैम्पियनशिप मे सन यांग ने 1500 मीटर की फ्रिस्टाईल तैराकी मे अब तक का सबसे पुराना रिकार्ड तोड दिया. उन्होने 14:34:14 का समय ले कर  ग्रेंट हैकेट का काफी पुराना रिकार्ड तोड दिया. 

    भारत मे भी शुरू हुई रफ्तार की जंग

    पहली बार 1997 मे फार्मूला 1 रेस भारत मे आयोजित करवाने का सोचा गया था. आखिरकार ये सोच रंग लायी और 28 अक्टूबर 2011 को नोएडा मे ये रेस आयोजित हूई. बुद्धा अंतरराष्ट्रीय सर्किट दिल्ली से 24 किलोमीटर की दूरी पर हैं. हरमन टिकले ने 5.14 किलोमीटर लम्बे इस सर्किट को बनाया था. 

    इस रेस मे 12 टीमो ने भाग लिया. भारत की और से फोर्स इंडिया की टीम शामिल हुई जिसके मालिक विजय माल्या हैं. एड्रियन सुटिल (जर्मन मूल के) और पाल डी रेस्टा (ब्रिटिश मूल के) इस टीम के ड्राइवर थे. इस टीम के एड्रियन सुटिल 9वें और पाल डी रेस्टा 13वे स्थान पर रहे.

    भारत के सबसे सफल फार्मूला 1 खिलाडी नारायन कार्तीकेयन ने इस रेस मे एच.आर.टी एफ वन (स्पेन ) की टीम की तरफ से भाग लिया और वो इस रेस मे 17वे स्थान पर रहे.
    आर.बी.आर रेनाल्ट के सेबेस्टियन वेटल ने इस रेस को जीत कर पहला स्थान प्राप्त किया था.

    जाते जाते उनकी बात जो हमे इस साल छोड गये

    टाइगर पटौदी  
    इस साल भारत के पूर्व टेस्ट कप्तान नवाब पटौदी का निधन हो गया. 5 जनवरी 1941 को भोपाल, मध्यप्रदेश मे उनका जन्म हुआ था. भारत के लिये उन्होने 46 टेस्ट खेले थे जिसमे 34.91 की औसत से 2793 रन बनाये थे. जिसमे 6 शतक और 16 अर्धशतक भी शामिल थे. उन्होने 40 टेस्ट मे भारत की कप्तानी की जिसमे 9 मे वो टीम को जीत दिलाने मे कामयाब रहे थे. वे भारत के सबसे युवा कप्तान हैं. 22 सितंबर 2011 को उन्होने अंतिम सांस ली थी.

    जोसेफ विलियम फ्रेजियर 
    जोसेफ विलियम फ्रेजियर बाक्सिंग की दुनिया मे एक जाना माना नाम. स्मोकिन जोए इसी नाम से मशहूर थे फ्रेजियर. 12 जनवरी 1944 को जन्मे जोए ओलंपिक और विश्व बोक्सिंग के चैम्पियन थे. 1971 मे उन्होने मोहम्मद अली को पाईंट के जरिये हराया था. उस मुकाबले को “फाईट आफ द सेंचूरी” कहा जाता है. 7 नवबंर 2011 को उन्होने अंतिम सांस ली थी.




    Next previous
     
    Copyright (c) 2011दखलंदाज़ी
    दखलंदाज़ी जारी रहे..!