मैंने गांधी को नहीं देखा, पर मैने साल 2011 अच्छी तरह देखा और समझा है. अरब देशों से लेकर इंडिया तक इसी साल कई ऐसी क्रान्तियां हुई हैं जिनमें गांधीवादी तरीकों को इस्तेमाल किया गया और आखिरकार सफलता भी हासिल हुई.
Alok Dixit
alok@dakhalandazi.com
अन्ना हजारे के आन्दोलन और सारी दुनिया में हुई क्रान्तियों में इस्तेमाल हुई गांधीगिरी को उनके जन्मदिन यानि 2 अक्टूबर को विशेष तौर पर याद किया जाएगा. कई लोग अभी भी पूछते हैं कि क्या महात्मा गांधी की अहिंसा नीति वास्तव में व्यावहारिक है? कई यह भी मानते हैं कि गांधीजी का अहिंसक आंदोलन उतना कारगर नहीं रहा था जितना कि पेश किया जाता है. गांधी जी के विरोध में आज ही मुझे कुछ ऐसे तर्क पढ़ने को मिले जिनमें अच्छा खासा लाजिक था.
उनके समर्थन में मेरा विचार बस इतना ही है कि मैंने गांधी को नहीं देखा, पर मैने साल 2011 अच्छी तरह देखा और समझा है. अरब देशों से लेकर इंडिया तक इसी साल कई ऐसी क्रान्तियां हुई हैं जिनमें गांधीवादी तरीकों को इस्तेमाल किया गया और सफलता मिली. अन्ना हजारे की रामलीला मैदान की मुहिम का सिपाही बनने का एक मौका मुझे भी मिला था. दखलंदाजी की टीम ने दिल्ली से लाइव रिपोर्टिंग जारी रखी थी और इस मुहिम पर हमारी मैगजीन बैंग्लूर्ड ने एक स्पेशल अन्ना इश्यू भी कैरी किया. गांधी जी को उनके जन्म दिन की बधाई देने के लिये दखलंदाजी टीम की ओर से मैं 2 अक्टूबर 2009 में लिखे इस गाने को आप से शेयर कर रहा हूं. असीम ने यह गाना गांधी जयंती से कुछ दिनों पहले ही लिखा था.
टाइटल- “आओ दुआ करें, गांधी सदा रहे”
लिरिक्स
आओ दुआ करें, गांधी सदा रहे
चाहत रहे यहां अच्छाइयां रहे
खुशियों की राह में बारूद ना बिछे
हंसता हुआ यहां बचपन सदा रहे.
आओ दुआ करें....
आओ दुआ करें
हिंसा के रास्ते छूटे
नफरत के सिलसिले टूटें
अब जंग कभी ना हो जहां में
ईमान फिर हमारा जागे
सच्चाई से चलें हम जागे
माहौल हो अमन का जहां में
माहौल हो अमन का जहां में
आओ दुआ करें, गांधी सदा रहे
चाहत रहे यहां अच्छाइयां रहे
alok@dakhalandazi.com
अन्ना हजारे के आन्दोलन और सारी दुनिया में हुई क्रान्तियों में इस्तेमाल हुई गांधीगिरी को उनके जन्मदिन यानि 2 अक्टूबर को विशेष तौर पर याद किया जाएगा. कई लोग अभी भी पूछते हैं कि क्या महात्मा गांधी की अहिंसा नीति वास्तव में व्यावहारिक है? कई यह भी मानते हैं कि गांधीजी का अहिंसक आंदोलन उतना कारगर नहीं रहा था जितना कि पेश किया जाता है. गांधी जी के विरोध में आज ही मुझे कुछ ऐसे तर्क पढ़ने को मिले जिनमें अच्छा खासा लाजिक था.
उनके समर्थन में मेरा विचार बस इतना ही है कि मैंने गांधी को नहीं देखा, पर मैने साल 2011 अच्छी तरह देखा और समझा है. अरब देशों से लेकर इंडिया तक इसी साल कई ऐसी क्रान्तियां हुई हैं जिनमें गांधीवादी तरीकों को इस्तेमाल किया गया और सफलता मिली. अन्ना हजारे की रामलीला मैदान की मुहिम का सिपाही बनने का एक मौका मुझे भी मिला था. दखलंदाजी की टीम ने दिल्ली से लाइव रिपोर्टिंग जारी रखी थी और इस मुहिम पर हमारी मैगजीन बैंग्लूर्ड ने एक स्पेशल अन्ना इश्यू भी कैरी किया. गांधी जी को उनके जन्म दिन की बधाई देने के लिये दखलंदाजी टीम की ओर से मैं 2 अक्टूबर 2009 में लिखे इस गाने को आप से शेयर कर रहा हूं. असीम ने यह गाना गांधी जयंती से कुछ दिनों पहले ही लिखा था.
टाइटल- “आओ दुआ करें, गांधी सदा रहे”
लिरिक्स
आओ दुआ करें, गांधी सदा रहे
चाहत रहे यहां अच्छाइयां रहे
खुशियों की राह में बारूद ना बिछे
हंसता हुआ यहां बचपन सदा रहे.
आओ दुआ करें....
आओ दुआ करें
हिंसा के रास्ते छूटे
नफरत के सिलसिले टूटें
अब जंग कभी ना हो जहां में
ईमान फिर हमारा जागे
सच्चाई से चलें हम जागे
माहौल हो अमन का जहां में
माहौल हो अमन का जहां में
आओ दुआ करें, गांधी सदा रहे
चाहत रहे यहां अच्छाइयां रहे