Chirag Joshi, Ujjain
chirag@dakhalandazi.co.in
सबसे पहले टेस्ट क्रिकेट मे समय सीमा नही होती थी. फिर 6 दिन और फिर 5 दिन की समय सीमा तय हुई. फिर एक दिवसीय क्रिकेट शुरु हुआ. उसमे भी पहले 60 ओवर का खेल होता था. फिर इसे कम करके 50 ओवर का कर दिया गया .
फिर टी-20 आया, खेल और रोमांचक हो गया. एक दिवसीय क्रिकेट मे भी पावर प्ले शुरु हुआ और नो बाल करने पर फ्री हिट दी जाने लगी.
एक बार फिर कुछ नियमो मे बदलाव किये गये हैं जो 1 अक्टूबर 2011 से लागू हो जायेंगे.
अब नही मिलेगा रनर
जी हां अब से क्रिकेट के किसी भी प्रारुप मे रनर नही मिलेगा. अब खिलाडी को रिटयर्ड हर्ट होना पडेगा. किसी भी सूरत मे उसे रनर नही दिया जायेगा.
दोनों छोर से अब नई गेंद
अब एक दिवसीय क्रिकेट मे दोनो छोर से नई गेंद का इस्तेमाल होगा. इससे गेंद की चमक खोने की प्राबलम खत्म हो जायेगी और गेंद पारी के आखिर तक सख्त रहेगी. इससे पहले हर पारी मे 34 ओवर बाद गेंद बदली जाती थी.
पावर प्ले का रोमांच और बढ़ेगा
अब दूसरे और तीसरे पावर प्ले को 16-40 ओवर के बीच मे लेना अनिवार्य होगा. इससे बीच के ओवरो मे जो खेल धीमा हो जाता था अब नही होगा.
नॉन स्ट्राइकर को अब रन आऊट करना आसान
अब से गेंदबाज गेंदबाज़ी ऐक्शन पूरा करने से पहले नॉन स्ट्राइकर एंड के बल्लेबाज़ को रन आउट कर सकेगा.
ऑब्स्ट्रक्टिंग द फील्ड आउट
बल्लेबाज़ अगर रन लेते वक्त फील्डर को परेशान करता हैं तो फील्डिंग टीम की अपील पर उसे आऊट दिया जा सकेगा. मैदानी अम्पायर इस बारे मे फैसला देने के लिये तीसरे अम्पायर से मदद ले सकता हैं.
टेस्ट क्रिकेट मे एक्स्ट्रा टाइम
अगर टेस्ट मैच मे परिणाम निकलने की सम्भावना दिख रही हो, तो अम्पायर किसी भी सत्र मे 15 मिनट (कम से कम चार ओवर) अतिरिक्त खेल की इज़ाज़त दे सकता हैं.
ये सारे नियम वेस्टेंडीज और बांग्लादेश के बीच 11 अक्टूबर को होने वाले टी-20 से लागू हो जायेंगे.
फिर टी-20 आया, खेल और रोमांचक हो गया. एक दिवसीय क्रिकेट मे भी पावर प्ले शुरु हुआ और नो बाल करने पर फ्री हिट दी जाने लगी.
एक बार फिर कुछ नियमो मे बदलाव किये गये हैं जो 1 अक्टूबर 2011 से लागू हो जायेंगे.
अब नही मिलेगा रनर
जी हां अब से क्रिकेट के किसी भी प्रारुप मे रनर नही मिलेगा. अब खिलाडी को रिटयर्ड हर्ट होना पडेगा. किसी भी सूरत मे उसे रनर नही दिया जायेगा.
दोनों छोर से अब नई गेंद
अब एक दिवसीय क्रिकेट मे दोनो छोर से नई गेंद का इस्तेमाल होगा. इससे गेंद की चमक खोने की प्राबलम खत्म हो जायेगी और गेंद पारी के आखिर तक सख्त रहेगी. इससे पहले हर पारी मे 34 ओवर बाद गेंद बदली जाती थी.
पावर प्ले का रोमांच और बढ़ेगा
अब दूसरे और तीसरे पावर प्ले को 16-40 ओवर के बीच मे लेना अनिवार्य होगा. इससे बीच के ओवरो मे जो खेल धीमा हो जाता था अब नही होगा.
नॉन स्ट्राइकर को अब रन आऊट करना आसान
अब से गेंदबाज गेंदबाज़ी ऐक्शन पूरा करने से पहले नॉन स्ट्राइकर एंड के बल्लेबाज़ को रन आउट कर सकेगा.
ऑब्स्ट्रक्टिंग द फील्ड आउट
बल्लेबाज़ अगर रन लेते वक्त फील्डर को परेशान करता हैं तो फील्डिंग टीम की अपील पर उसे आऊट दिया जा सकेगा. मैदानी अम्पायर इस बारे मे फैसला देने के लिये तीसरे अम्पायर से मदद ले सकता हैं.
टेस्ट क्रिकेट मे एक्स्ट्रा टाइम
अगर टेस्ट मैच मे परिणाम निकलने की सम्भावना दिख रही हो, तो अम्पायर किसी भी सत्र मे 15 मिनट (कम से कम चार ओवर) अतिरिक्त खेल की इज़ाज़त दे सकता हैं.
ये सारे नियम वेस्टेंडीज और बांग्लादेश के बीच 11 अक्टूबर को होने वाले टी-20 से लागू हो जायेंगे.
खेल मे आये ये बदलाव क्या रंग लायेंगे ये तो थोडे समय मे ही पता चल जायेगा, पर यह तो तय है कि हम जैसे दर्शकों के लिये खेल का रोमांच जरुर बढ जायेगा.
(चिराग एक इंजीनियर हैं और फिलहाल M. Tech कर रहे हैं. साथ मे वे एक एक्टिव ‘क्रिकेट दखलंदाज’ हैं.)