इंडिया टीम अपनी चार मैचों का टेस्ट श्रंखला हार गई है और 4-0 से मिली इस हार से हमारी टीम का मनोबल भी गिर गया है. काफी लंबे अर्से के बाद कप्तान धोनी की इस विजेता टीम को इस तरह की हार का मुंह देखना पड़ा है. चलिये हार जीत से बाहर आकर हम बात करते हैं दो ऐसी दीवारों के बारे में जिन्हे दुनिया शायद हमेशा याद रखेगी.

“श्री अन्ना हजारे जी” और “श्रीमान भरोसेमंद राहुल द्रविड़”
इन दोनों दीवारों को गिराना सरकार और इंग्लैंड के लिए एक नामुमकिन सा कार्य बनता जा रहा हैं.
इंग्लैंड के लिए बन गए सिरदर्द

इंग्लैंड को इस दीवार को गिराने में बड़ी परेशानी आई और इस series में 3 hundred लगा चुके हैं. हर बार उन्हें आउट करने के लिए इंग्लैंड के bowlers को एडी चोटी का जोर लगाना पड़ा हैं.
30000 balls खेलने का रिकॉर्ड
द्रविड़ ने अब तक टेस्ट क्रिकेट में 30,000 balls मतलब 5000 overs खेले हैं, जो अब तक किसी भी batsman के द्वारा टेस्ट मैच में खेले गए overs में सबसे ज्यादा हैं.
अन्ना का जादू
दूसरी तरफ अन्ना का जादू समूचे भारत वासिओ पर चढ़ गया हैं,और अब जन लोकपाल के समर्थन में जनमानस उमड़ रहा हैं.

सेना से की शुरुआत
15 जून 1937 को जन्मे श्री किशन बाबुराव हजारे ने 1963 ने सेना join की वो भी बतौर ड्राईवर. 1965 में भारत -पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में उन्हें बार्डर पर भेज दिया था. वहां एक हमले में वो बाल बाल बचे थे.
स्वामी विवेकानंद की किताब ने बदला जीवन
हमले में बचने के बाद अन्ना काफी निराश को हो गए थे और अपना जीवन समाप्त करना चाहते थे और जब इस और बढ़ रहे थे तभी नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर उनकी नज़र "Call to the youth for nation building " नामक किताब पर पड़ी उन्होंने वो किताब पढ़ी और उनमे एक नयी चेतना और जोश उजागर हुआ. जिंदगी जीने का मकसद मिला. उस किताब के लेखक स्वामी विवेकानंद थे.
1991 से की थी शुरआत
रालेगांव की तस्वीर बदलने के बाद 1991 में अन्ना ने रालेगांव से ही भ्रष्टचार विरोधी जन आन्दोलन (People's Movement against Corruption) शुरू किया था और उसी साल 40 forest officials को transfer और suspend करवा दिया था. RTI को लाने में भी उनका बहुत बड़ा हाथ रहा हैं.
रामलीला मैदान में उमड़ रहा हैं जनसैलाब
रामलीला मैदान भरी संख्या में लोगो का आना जारी हैं. देशभर अलग-अलग जगहों पर प्रदर्शन हो रहे हैं और सरकार पर दबाव बढ़ता ही जा रहा हैं.
वैसे तो राहुल द्रविड़ और अन्ना हजारे का कोई कम्पैरिजन नहीं हो सकता फिर भी मेरा मानना है कि इन दोनों शख्सियतों ने दुनिया को एक संदेस दिया है कि हम अगर अपने लक्ष्य की तरफ जोश से बढे हमें कोई भी नहीं डिगा सकता. इन दोनों को पूरे देश की तरफ से मेरा सलाम .
दखलंदाजी जारी रहे!