मेरी आखें पारस हो गयीं...
Posted on Tuesday, December 14, 2010
तूने जाते जाते मुझपे
जादू कैसा फेर दिया
मेरी आखें पारस हो गयीं.
अब मै जो भी देखता हूँ
याद बन जाता है तेरी
जाने कैसी आदत हो गयी.
क्या नदियाँ क्या पेड़ पहाड़
क्या मेरे घर का सामान
ख्वाबों की भी शामत हो गयी,
मेरी आखें पारस हो गयीं....