कभी तो हकीकत में लाओ मुझे
ये मेरे चाहने वालो
कुछ तो समझाओ मुझे
आज भी जीता हु खयालो में
इस आदत से बचाओ मुझे
कहा हु मै कहा खोया हु
इक रास्ता तो दिखाओ मुझे
'मनी' सबके के है अलग भाव यहाँ
'मनी' इक इक को समझाओ मुझे
..................मनीष शुक्ल