न वो रहेंगे न ये दुनिया रहेंगी ,अरे, कुछ भी न रहेगा जो मोहब्बत न रहेगी

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  • Sunday, November 14, 2010
  • न वो रहेंगे न ये दुनिया रहेंगी ,अरे
    कुछ भी न रहेगा जो मोहब्बत न रहेगी

    न वादे रहेंगे न इरादे रहेंगे
    न खाव्बो में डूबी हुई राते रहेंगी

    बस देख के ही जिन्हें महसूस कर लेते
    न वो बेचैन ठहरी हुई आंखे रहेंगी

    सबकुछ खामोश बेखबर सा होगा
    यदि गम न रहेगा गम कि यादें न रहेंगी
    .
    "मनी" बड़े अजीब दिखेंगे लोग
    जब मोहब्बत न रहेगी उसकी यादें न रहेंगी
    ............मनीष शुक्ल
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