कुछ भी न रहेगा जो मोहब्बत न रहेगी
न वादे रहेंगे न इरादे रहेंगे
न खाव्बो में डूबी हुई राते रहेंगी
बस देख के ही जिन्हें महसूस कर लेते
न वो बेचैन ठहरी हुई आंखे रहेंगी
सबकुछ खामोश बेखबर सा होगा
यदि गम न रहेगा गम कि यादें न रहेंगी
.
"मनी" बड़े अजीब दिखेंगे लोग
जब मोहब्बत न रहेगी उसकी यादें न रहेंगी
............मनीष शुक्ल