कुछ भी न रहेगा जो मोहब्बत न रहेगी
न वादे रहेंगे न इरादे रहेंगे
न खाव्बो में डूबी हुई राते रहेंगी
बस देख के ही जिन्हें महसूस कर लेते
न वो बेचैन ठहरी हुई आंखे रहेंगी
सबकुछ खामोश बेखबर सा होगा
यदि गम न रहेगा गम कि यादें न रहेंगी
.
"मनी" बड़े अजीब दिखेंगे लोग
जब मोहब्बत न रहेगी उसकी यादें न रहेंगी
............मनीष शुक्ल

Join hands with Dakhalandazi
Message to Kapil Sibal
Save Your Voice: अपनी आवाज बचाओ
13 May: लंगड़ी यात्रा
वेब सेंसरशिप के खिलाफ 'दखलंदाजी'
Ban on the cartoons
Saraswati Siksha Samiti
