अंत क्या होगा.. फ़िक्र नहीं

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  • Friday, October 29, 2010
  • किसी ने कहा-
    लक्ष्य पर नज़र है, कभी मील पत्थर नहीं देखा इन आँखों ने..
    मैं कहता हूँ-
    मील के पत्थरों ने ही हौसला बढ़ाया है,
    इन पत्थरों ने ही चलना सिखाया है,
    हर मील का पत्थर एक लक्ष्य है मेरे लिए..
    जिन्दगी का अंत क्या होगा.. फ़िक्र नहीं |
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    दखलंदाज़ी जारी रहे..!