पेन इज माइटर देन अ स्वार्ड, ट्विटर ग्रेडर और ट्वीपलडॉटइन के आकड़ों से जो एक बात साफ़ समझ आती है वो यही है . अगर इनके निश्कर्सों को सच माने तो भारत में पेन वाले तलवार धारियों कि कमी नहीं है........आकडे कहते है कि भारत के मुंबई में ट्विटर के 34,082 सक्रिय उपयोक्ता हैं, जबकि बेंगलूर में 28,457 उपभोक्ता । यह संख्या उन सक्रिय लोगों की है जो मुंबई अटैक से लेकर शहर के छोटे मोटे अपराधों तक की सबसे पहली सूचना ट्विट्टर पर दे डालते है. अब अगर इसे लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ की विजय मान ले तो तो यह भी मानना ही होगा कि ट्विट्टर गुरु शशि थरूर और मौके पे चौका जडू ललित मोदी ही इस विजय को ज्यादा भुना पाए है सवाल यह है कि आखिर मीडिया क्षेत्र की ट्विट्टर जैसी वेबसाइटें दुनिया में बैठे इसके १०० करोड़ आम उपभोक्ताओं को कैसे लाभ पहुंचाएगी.
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