39 साल की हुई Wall : Happy Birthday जैमी

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  • Wednesday, January 11, 2012
  • भारत के पूर्व टेस्ट क्रिकेटर नवजोत सिह सिद्धु ने एक बार कहा था कि“ अगर टीम द्रविड को कांच के टुकडो पर भी चलने को कहे तो वो चल देंगे” सिद्धु  की ये बात सच भी हैं.

    11 जनवरी 1973 को मध्यप्रदेश के इंदौर शहर मे जन्मे द्रविड ने 3 अप्रैल 1996 को श्रीलंका के खिलाफ अपना पहला एकदिवसीय मैच खेला था. पहले मैच मे वो सिर्फ 3 रन ही बना सके थे.
    उसके बाद उन्हे टीम से हटा दिया गया था. उसके बाद इंग्लैड के दौरे पर उन्हे फिर से टीम मे शामिल कर लिया था.

    पहले टेस्ट मे संजय मांजरेकर के इंजर्ड होने के कारण द्रविड को दूसरे टेस्ट मे मौका मिला और उन्होने इस मौके का बहुत अच्छे से भुनाते हुए शानदार 95 रन बनाये. उनके साथ इस मैच मे सौरव गांगुली ने भी टेस्ट मे डेब्यू किया था. गांगुली ने इस मैच मे शतक जमाया था.

    अगचले टेस्ट मे मांजरेकर के टीम मे वापस आने के बाद भी द्रविड की जगह टीम मे बरकरार रही थी. द्रविड ने अगले टेस्ट मे शानदार 84 रन बनाये थे. उसके बाद आस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के खिलाफ घरेलू सीरीज मे उनका प्रदर्शन ठीक ठाक रहा था.

    वो दौरा जिससे द वाल बने द्रविड

    1996-97 मे ही भारत ने साउथ अफ्रीका का दौरा किया था. वहा द्रविड ने जोहनिस्बर्ग टेस्ट मे नबंर 3 पर बल्लेबाजी की थी. उस टेस्ट मे उन्होने अपना पहला टेस्ट शतक लगाया था. उन्होने उस टेस्ट की दोनों पारियों मे क्रमश: 148 और 81 रन बना कर अपना पहला मैन आफ द मैच का एवार्ड प्राप्त किया था. उनका पहला एकदिवसीय शतक पाकिस्तान के खिलाफ चेन्नई मे आया था. वर्ल्ड कप 1999 मे 461 रन बनाकर द्रविड सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज थे.

    2001 मे कोलकाता टेस्ट मे लक्ष्मण के साथ 361 रन की साझेदारी को अभी तक सबके जेहन मे हैं. द्रविड ने उस साझेदारी मे 180 रन बनाये थे. भारत के लिये द्रविड ने लगातार 93 टेस्ट खेले हैं.

    2006 मे उन्होने भारत की कप्तानी भी सभांली थी. पर 2007 वर्ल्ड कप मे टीम के खराब प्रदर्शन के बाद उन्होने निजी कारणो से कप्तानी से इस्तीफा दे दिया था.

    39 साल मे भी हैं फिट
    द्रविड की फिटनेस की तारिफ हर कोई करता हैं. आज भी वो जहां 1 रन होता हैं 2 रन बना लेते हैं. उनके शार्प कैचेस आज भी उनकी शानदार फिटनेसको दर्शाते हैं.

    मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसियशन के फिजिओ मयंक अग्रवाल से जब हमने द्रविड की फिटनेस के बारे मे बात की तो उन्होने कहा “फिटनेस को बरकरार रखने का द्रविड़ का अपना एक तरीका और रुटीन है. मैं 6 महीने पहले ही उनसे मिला था”. “जब 2008-2009 मे द्रविड़ का प्रदर्शन थोडा खराब रहा तब उन्होने अपने फिटनेस को पहले के शानदार दौर से कम्पेयर किया. द्रविड़ ने उन जगह पर वर्क किया जहां वे वीक थे. अपने मेंटल लेवल और स्कील्स को सुधारा और इस बात का ध्यान रखा कि कैसे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मे लंबे समया तक फिट रहा जा सकता है. नतीजा 2010-2011 मे हम सभी ने देखा”. जहा 2011 मे वो टेस्ट मे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाडी बने थे. उन्होने 2011 मे 12 टेस्ट मे 57.25 की औसत से 1145 रन बनाये थे जिसमे 5 शतक और 4 अर्धशतक शामिल थे.

    द वाल के रिकार्ड

    •    2004 मे उन्हे पद्म श्री से सम्मानित किया गया था.
    •    उन्होने टेस्ट क्रिकेट मे 5 दौहरे शतक लगाये हैं और हर दौहरे शतक मे पिछ्ले दोहरे शतक से ज्यादा रन बनाये हैं. 200 (नाट आउट), 217, 222, 233, 270 ये उनके दोहरे शतक के स्कोर हैं.
    •    पहले खिलाडी जिसने नबंर 3 की पोजीशन पर टेस्ट मे 10000 रन बनाये.
    •    टेस्ट मे सबसे ज्यादा 210 कैच पकडे हैं.
    •    उनकी 270 रन की पारी मिनट के हिसाब से टेस्ट मे किसी भी भारतीय बल्लेबाज के द्वारा खेली गई पारियों मे सबसे लंबी पारी हैं.
    •    एकदिवसीय क्रिकेट मे लगातार 120 पारीयों तक शून्य पर आऊट ना होने का अनोखा रिकार्ड भी उनके नाम हैं.
    •    वो ऐसे दूसरे नान इंगलिश क्रिकेटर हैं, जिसने इंग्लैड मे दो अलग- अलग सीरिज मे 3 या उससे ज्यादा शतक लगाये हैं. उनके अलावा ये कारनामा सर डान ब्रेडमैन के किया था.
    •    द्रविड को एक डिफेंसिव खिलाडी के तौर पर जाना जाता हैं. परंतु न्यूजीलैड के खिलाफ 15 नवबंर 2003 को एक एकदिवसीय मैच मे उन्होने सिर्फ 22 गेंद मे नाट आऊट 50 रन बना कर अपना एक अलग अंदाज दुनिया को दिखाया था. जो किसी भी भारतीय बल्लेबाज के द्वारा एकदिवसीय क्रिकेट मे बनाया गया दूसरा सबसे तेज अर्धशतक हैं. उनसे तेज अर्धशतक अजित आगरकर ने बनाया हैं. उन्होने 67 रन बनाये थे 21 गेंद पर.
    •    विजय हजारे और गावस्कर के बाद वे ऐसे तीसरे बल्लेबाज हैं जिन्होने एक टेस्ट की दोनों पारियों मे शतक लगाया हैं. उन्होने 1999 मे न्यूजीलैड के खिलाफ 190 और 103(नाट आऊट) रन की पारी खेली थी.

    - द्रविड एक ऐसे खिलाडी हैं जो जरुरत पडने पर टीम मे हर रोल निभाने को तैयार रहते हैं. उन्होने विकेट कीपिंग भी की तो ओपनिंग भी और अपने चौथे एकदिवसीय मैच मे तो वो आठवें नबंर पर बल्लेबाजी करने भी उतरे थे.

    - 16 सितबंर 2011 को इंग्लैड के खिलाफ द्रविड ने अपना आखिरी एकदिवसीय मैच खेल कर क्रिकेट के इस फार्मेट को अलविदा कह दिया.

    - अपने एकदिवसीय करियर मे उन्होने 344 मैच खेले जिनमे 39.16 की औसत से 10889 रन बनाये हैं.जिसमे 12 शतक और 83 अर्धशतक शामिल हैं.

    - टेस्ट क्रिकेट मे उन्होने अब तक 160 मैच खेले हैं. जिसमे उन्होने 53.22 की औसत से 13094 रन बनाये थे. जिसमे 36 शतक और 62 अर्धशतक शामिल हैं.



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