दरअसल, अमोल गुप्ते भी उन कलाकारों में से हैं, जो अच्छे अभिनेता होने के साथ साथ अच्छे लेखक व निर्देशक भी हैं. तारे जमीन पर की सोच में अमोल की खूबियां झलकती है.

Anupriya Anant
Cine Journalist,
वे फिल्मों की कहानियां भी लिखते हैं. और गीत भी. वे फिल्में बनाते भी है और अभिनय भी करते हैं. वे एंकर भी हैं. कलाकार भी. लेकिन इसके बावजूद वे खुद को तीस मार खां नहीं समझते. हिंदी सिनेमा जगत में इन दिनों ऐसे कई शख्सीयत हैं, जो एक साथ कई विधाओं में माहिर हैं. एक साथ कई काम करने के बावजूद इनकी रचनाओं को लोगों की सराहना मिल रही है. बॉलीवुड के आलराउंडर्स की पिछली किस्त में हमने बात की थी स्वानंद किरकिरे की, आज हम बात करते हैं फिल्म इंडस्ट्री के ऐसे ही एक और हरफनमौला अमोल गुप्ते की...
अमोल गुप्ते
(स्क्रीनराइटर, अभिनेता, निदर्ेशक)
फंस गये रे ओबामा का नेता धनंजय सिंह जब दर्शकों के बीच बिना किसी खास संवाद के भी लोकप्रिय है. वजह है अभिनेता के हाव भाव. अमोल गुप्ते ने बेहतरीन अभिनय शैली के माध्यम से इस किरदार को जीवंत बना दिया है. हाल ही में रिलीज हुई स्टैनली के डब्बा में भी वे लालची अध्यापक के रूप में बेहतरीन कलाकारी करते नजर आये हैं. दरअसल, अमोल गुप्ते भी उन कलाकारों में से हैं, जो अच्छे अभिनेता होने के साथ साथ अच्छे लेखक व निदर्ेशक भी हैं. तारे जमीन पर की सोच में अमोल की खूबियां झलक जाती है. उसके संवाद, भाव सबकुछ यह दर्शाते हैं कि इस कहानी की सोच रखनेवाला कितना भावुक व्यक्ति है. अपनी इसी भावुक निदर्ेशन की क्षमता का प्रमाण वे स्टैनली जैसी भावुक फिल्म के निदर्ेशन से देते हैं. बकौल अमोल बस यही चाहत है कि नेक दिल के साथ कुछ न कुछ रचता रहूं. लोगों को काम पसंद आये और अच्छी कहानियों के साथ लोगों के सामने आऊं. बतौर लेखक अमोल ने अब तक स्टैनली का डब्बा और तारें जमीं की कहानी लिखी है. अभिनेता के रूप में वह उर्मि, प्लेयर्स, फंस गये रे ओबामा, कमीने, तारें जमीं पर, द हैंगमन, जो जीता वही सिंकदर और होली में नजर आये हैं.
इस आर्टिकल की पिछली किश्त में स्वानंद किरकिरे के बारे में पढ़ें....

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