
फलक पकड़ के उठो और हवा पकड़ के चलो ।
फलक पकड़ के उठो और हवा पकड़ के चलो ।।
तुम चलो तो हिंदुस्तान चले ।
तुम चलो तो हिंदुस्तान चले ।।
लगाओ हाथ के सूरज सुबह निकाला करे ।
हथेलियों में भरे धूप और उछाला करे ।।
उफ़क़ पे पांव रखो और चलो अकड़ के चलो ।
फ़लक पकड़ के उठो और हवा पकड़ के चलो ।।
तुम चलो तो हिंदुस्तान चले ।
तुम चलो तो हिंदुस्तान चले ।।
हिंदुस्तान चले ।।।
- गुलज़ार.
फलक पकड़ के उठो और हवा पकड़ के चलो ।।
तुम चलो तो हिंदुस्तान चले ।
तुम चलो तो हिंदुस्तान चले ।।
लगाओ हाथ के सूरज सुबह निकाला करे ।
हथेलियों में भरे धूप और उछाला करे ।।
उफ़क़ पे पांव रखो और चलो अकड़ के चलो ।
फ़लक पकड़ के उठो और हवा पकड़ के चलो ।।
तुम चलो तो हिंदुस्तान चले ।
तुम चलो तो हिंदुस्तान चले ।।
हिंदुस्तान चले ।।।
- गुलज़ार.