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  • Wednesday, June 30, 2010
  • कोई दिल टुटा यहाँ और कोई तोडा गया
    नफरतो का चाहतो पे ऐसा असर छोड़ा गया

    वो मुलाकाते वो राते आज जिनके नाम है
    उस पुरानी दासता से क्यों मुझे मोड़ा गया

    देखर उनको भला अब कौन जीता है यहाँ पर
    की जाम से मेरा वास्ता इस कदर जोड़ा गया

    नींद अब आती नहीं है मुझको यारो क्या करू
    आँखों से खाव्बो का रिश्ता क्यों भला तोडा गया


    जीने की परवाह भला अब है' मनी' किसको यहाँ
    की चाहतो को जिस तरह बे आबरू छोड़ा गया

    ................मनीष शुक्ल
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