Sachin: बस नाम ही काफी है- First Century

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  • Wednesday, January 4, 2012
  •  सचिन का हर शतक लाजवाब रहा हैं. उनके 100 शतकों को हम अपनी इस सीरिज- 'सचिन बस नाम ही काफी है’ में कवर करेंगे. आज बात करते हैं उनके पहले शतक की जो उन्होने टेस्ट क्रिकेट मे लगाया था.



    Chirag Joshi, Ujjain
    chirag@dakhalandazi.co.in

    सचिन रमेश तेंडुलकर. जी हां ये हैं क्रिकेट के भगवान का नाम. बल्लेबाजी के हर रिकार्ड उनके नाम हैं. चाहे एकदिवसीय क्रिकेट मे 200 रन बनाना हो, या सबसे ज्यादा शतक लगाना हो. वैसे तो उन्होने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मे अब तक 99 शतक लगाये हैं. सभी को उनके 100वे अंतरराष्ट्रीय शतक का इंतजार हैं.

    उनका हर शतक लाजवाब रहा हैं. उनके हर शतक को हम अपनी इस सीरिज-“ ‘सचिन बस नाम ही काफी है’ में कवर करेंगे. आज बात करते हैं उनके पहले शतक की जो उन्होने टेस्ट क्रिकेट मे लगाया था.

    सचिन ने अपना पहला शतक इंग्लैड के खिलाफ 1990 मे ओल्ड ट्रेफर्ड मे लगाया था. उन्होने अपने 9वे टेस्ट मे ही अपना पहला शतक जड दिया था. उस वक्त उनकी उम्र सिर्फ 17 साल 112 दिन थी.

    भारत की टीम इंग्लैड के दौरे पर थी. ये टेस्ट उस सीरिज का दूसरा टेस्ट मैच था. सचिन का ये पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के बाद तीसरा विदेशी दौरा था. इस दौरे के पहले मैच मे सचिन लार्ड्स के मैदान पर दोनों पारियो मे महज 10 और 27 रन ही बना पाये थे.

    दूसरे टेस्ट मे इंग्लैड ने टास जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया और अपनी पहली पारी मे 519 रन बनाये. जिसमे कप्तान ग्रेम गूच, अथर्टन और स्मिथ के शतक शामिल थे.

    जवाब मे भारत ने पहली पारी मे कप्तान अजहर के 179, मांजरेकर के 93 और सचिन के 68 रन की बदौलत 432 रन बनाये. इंग्लैड ने दूसरी पारी मे 4 विकेट खोकर 320 रन बनाये और पारी घोषित कर दी. जिसमे एलन लैम्ब के शानदार 109 रन शामिल थे.

    भारत के सामने आखरी दिन 408 रन बनाने का लक्ष्य था. जब सचिन क्रीज पर आये तो भारत के 4 विकेट महज 109 रन पर गिर गये थे. 127 रन पर जब अजहर आऊट हुये तो लगा के ये मैच बचाना आसान नही होगा. सचिन और कपिल ने सभंलकर खेलना शुरु किया और दोनो के बीच 56 रन की साझेदारी हुई, लेकिन इस साझेदारी मे 57वां रन बन पाता उसके पहले ही हेमिंग्स ने कपिल के डंडे बिखेर दिये. भारत का स्कोर 183/6 हो गया था. उस वक्त खेल खत्म होने मे ढाई घंटे बाकी थे.

    लग रहा था अब भारत ये मैच हार जायेगा. पर एक युवा खिलाडी ने कुछ और ही ठान रखा था. जब वो 10 रन पर थे तब हेमिंग्स ने अपनी ही गेंदबाजी पर उनका कैच छोड दिया था. सचिन ने शानदार शतक लगाया और उस कैच की कीमत इंग्लैड को बता दी थी. सचिन ने प्रभाकर के साथ 160 रन की अविजीत साझेदारी करके मैच बचाया. भारत ने अपनी दूसरी पारी मे 343/6 बनाये. उन्होने नाट आऊट 119 रन बनाये और सबसे कम उम्र मे टेस्ट मे शतक लगाने वाले बल्लेबाजो की सूची मे उनका नाम दूसरे स्थान पर जुड गया था. उनसे कम उम्र मे शतक मुश्ताक मोह्म्मद ने बनाया था. उस टेस्ट मे सचिन ने भारत के महान बल्लेबाज गवास्कर के पैड्स पहनकर बल्लेबाजी की थी.

    इस टेस्ट मे वैसे तो 6 शतक लगे पर सारे शतको मे इस युवा खिलाडी का शतक लाजवाब था. उन्होने 224 मिनट बल्लेबाजी की और 17 बार गेंद को बाउंड्री के दूसरी ओर पहुचांया. उनकी इस पारी के लिये उन्हे मैन आफ द मैच के अवार्ड से नवाजा गया.

    ये तो सिर्फ शुरुआत थी बल्लेबाजी के इस सूरमा की, अगली कडी मे पढिये कैसे सचिन ने आस्ट्रेलिया के गेंदबाजी अटैक को उनके ही घर मे चकनाचूर कर दिया था.

    (To be continued….)




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