सफ़ेद आई लव यूँ

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  • Thursday, December 1, 2011
  • जब हम झाकेंगे
    उनके भूखे पेटों में,
    वो खा लेना चाहेंगे हमें
    और हमारी खुबसूरत बीवीयों को |
    जिस तरह हम देखते है चाँद जैसे सपने
    उन्हें भी हक़ है
    सपने जैसी दाग़ लगी रोटियों का |
    वो हमें न भी खाएँ
    की हमने उन्हें सिखा दिया हो
    खाना फांके और पीना पानी
    गंध मारती व्यवस्थाओं  के साथ |
    और वैसे भी व्यवस्थाओं  को
    जा सकता है बदला,
    वे कोई पहली प्रेमिकाएँ नहीं होती
    की जिनका नाम खरोंचा जाएँ
    बस की पिछली सीटों पर
    लोअर क्लास प्रेमियों की तरह |
    और अमीर आशिकों की तरह
    मल्टीप्लेक्सों में उनके साथ
    चाटते  हुए  एक ही आइसक्रीम
    बोला जाए दस बार
    सफ़ेद आई लव यूँ |

    Pankaj Devda,Ujjain (M.P.)
    pankajdevda1990@gmail.com




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