विकेट कीपर्स के सचिन हैं Adam Gilchrist

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  • Monday, November 14, 2011
  • अपनी पावर हिटिंग और बेखौफ बल्लेबाजी के अंदाज़ ने सबको उसका दीवाना बना दिया था. उसने लोगो को विकेट कीपिंग का एक नया पहलु दिखाया और क्रिकेट के खेल मे विकेट कीपरो की जगह को काफी अहम बना दिया. बल्लेबाजी के लिये नंबर 1 पर जाना हो या पांच या सात हर जगह खेलने मे वो माहिर हैं.



    Chirag Joshi, Ujjain
    chirag@dakhalandazi.co.in 


    एडम गिलक्रिस्ट “गिली” को आस्ट्रेलिया के पूर्व विकेट कीपर और एक बाये हाथ के आक्रमक बल्लेबाज के रूप मे जाना जाता हैं. 14 नवंबर 1971 को जन्मे गिली ने 25 अक्टूबर 1996 को साऊथ अफ्रीका के खिलाफ एक एकदिवसीय मैच से अपने अंतरराष्ट्रिय क्रिकेट करियर का आगाज़ किया था.

    अपने दूसरे ही टेस्ट मे दिखाया दम
    गिली ने 5 नवंबर 1999 को पाकिस्तान के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू करा था. अपने पहले टेस्ट मे उन्होने 5 कैच और 1 स्टम्पिंग की थी. साथ ही ताबडतोड 81 रन भी बनाये थे.

    गिली का जलवा तो दूसरे टेस्ट मे देखने को मिला था. जब आस्ट्रेलिया को आखरी पारी मे जीत के लिये 369 रन बनाने थे. जब गिली क्रिज पर आये तो आस्ट्रेलिया का स्कोर 126/5 था. गिली ने शानदार 149 रन बना कर असंभव से लगते टारगेट को पा कर मैच आस्ट्रेलिया की झोली मे डाल दिया था.
    2000 मे न्यूज़ीलैड के दौरे पर गिली ने तीसरे टेस्ट मे 10 कैच पकडे थे. जो किसी भी विकेट कीपर के द्वारा एक पारी मे पकडे गये कैचो मे सर्वाधिक हैं.

    गिली के रिकार्ड्स
    1.सबसे ज्यादा डिसमिसील(417 कैच, 55 स्ट्म्पिंग) कीसी भी विकेट कीपर के दवारा एकदिवसीय मे और सबसे ज्यादा आस्ट्रेलिया की तरफ से टेस्ट मे (379 कैच, 37 स्ट्म्पिंग).
    2. टेस्ट(81) और एकदिवसीय(96) मे सबसे ज्यादा स्ट्राईक रेट.
    3. दूसरा सबसे तेज़ शतक टेस्ट क्रिकेट मे, 2006 मे इंग्लैड के खिलाफ पर्थ टेस्ट मे.
    4. टेस्ट मे 100 छ्क्के लगाने वाले एकलौते बल्लेबाज.
    5. टेस्ट मे 17 और एकदिवसीय क्रिकेट मे 16 शतक किसी भी विकेट कीपर के द्वारा लगाये गये सर्वाधिक शतक हैं.
    6. 3 विश्व कप के फाईनल मे कम से कम 50 रन बनाने का अनोखा रिकार्ड भी उनके नाम हैं.
    अपने व्यवहार से सबका दिल जीता
    गिली एक आस्ट्रेलियन क्रिकेटर हैं. फिल्ड पर आस्ट्रेलिया के खिलाडीयो का व्यवहार कैसा रहा हैं. इसका इतिहास गवाह हैं. लेकिन गिली इनसे उलट थे. अगर वो आऊट होते थे तो अंपायर के फैसला देने से पहले ही क्रिज़ छोड कर पवेलियन की ओर चल देते थे. 2003 विश्व कप के सेमिफाईनल मे अंपायर ने उन्हे नाट आऊट दिया था. परंतु गिली को पता था वो आऊट थे और इसिलिये वो खुद चले गये. उन्होने अपनी आत्मकथा मे भी लिखा हैं “ मेरे इस तरह से क्रिज़ छोडने के तरीके को लिये मुझे कभी भी मेरी टीम ने सपोर्ट नही करा था. पर मै इस खेल के प्रति ईमानदार रहना चाहता हू. मैं अपनी छ्वी खराब नही करना चाहता हू.”

    गिली थोडे इमोशनल थे और इसी कारण जब मैदान पर कोई फैसला गलत होता था तो वो अंपायर से उलझ जाते थे. इस कारण उन्हे कई बार अपनी मैच फीस भी गवानी पडी थी.
    2007 मे विश्व कप मे वो ग्लव्स के अंदर स्केवेश की गेंद लगा कर खेले थे. जिससे उनके शाट मे पावर ज्यादा आ रहा था. उन्होने उस मैच मे 104 गेंदो पर 149 रन बनाये थे. जो किसी भी खिलाडी के द्वारा विश्व कप के फाईनल मे बनाया गया सर्वाधिक स्कोर हैं.

    इस बात पर बाद मे विवाद भी हुआ था. परंतु जो गिली ने करा वो खेल के नियमो के अंदर आता हैं.

    26 जनवरी 2008 को भारत के खिलाफ चौथे और अंतिम टेस्ट के बाद उन्होने संयास ले लिया था.
    आई.पी.एल के दूसरे सीज़न मे भी उन्होने अपना जलवा दिखाया था. जब उन्हे डेकन चार्जस की टीम की कप्तानी उन्हे दी तो उन्होने टीम को खिताब जितवा दिया.
    96 टेस्ट मे उन्होने 47.60 की औसत से 5570 रन बनाये थे. जिसमे 17 शतक और 26 अर्धशतक शामिल थे. 204 उनका सर्वाधिक स्कोर रहा. साथ ही उन्होने 379 कैच और 37 स्टम्पिंग भी की थी.
    287 एकदिवसीय मे उन्होने 35.89 की औसत से 9619 रन बनाये थे. जिसमे 16 शतक और 55 अर्धशतक शामिल थे. 172 उनका सर्वाधिक स्कोर रहा. साथ ही उन्होने 417 कैच और 55 स्टम्पिंग भी की थी.
    गिली आस्ट्रेलिया ही नही पूरी दुनिया के विकेट कीपर्स के लिये आदर्श हैं. बल्ले को उपर से पकड कर खेलने वाले गिली का अंदाज़ ही निराला था. उन्होने एक बार कहा भी था “ मै बस गेंद को जोर से मारने मे विश्वास रखता हू ”.
    उनके जन्मदिन पर उनको दखंलदाजी की ओर से बहुत बहुत बधाई...





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    दखलंदाज़ी जारी रहे..!