हम इस पल में कैसा महसूस करते है, वो किसी भी दूसरी चीज़ से जयादा important है . क्योंकि हमारा वर्तमान ही हमारी आगे की जिन्दगी का रूप तय करता है .

भावनाओं के बिना सिर्फ thoughts और words से हम अपनी जिन्दगी नहीं बदल सकते है ,इस बात को हम इस तरह से समझ सकते है कि यदि हम सोचते है "मैं अपने बॉस को नहीं झेल सकता " तो यह thought आपके बॉस के लिए स्ट्रोंग negative feeling express कर रहा है और हम negative emotion को spread कर रहे है .तो इसका रिजल्ट ये होगा की हमारे बॉस के साथ हमारे relation kharab ही रहेंगे. दूसरी तरफ अगर हम ये सोचते है की "office के मेरे साथी बेहतरीन है "तो हम positive thinking express कर रहे है और इसका result हमारे collegues के साथ बेहतर relation के form में होगा .

हम जितना बेहतर या खुश feel करते है, उतना ही ज्यादा प्रेम देते है और बदले में वो ही लौट कर हमारे पास आता है. Negative emotions में प्रेम का अंश नहीं होता. इसको हम छोटी सी table से समझ सकते है .
प्रेम - Irritation
कृतज्ञता - ऊब
आनंद - चिंता
उत्साह - क्रोध
रोमांच - क्रोध
जोश -हताशा ,ग्लानि
आशा -भय, आलोचना
संतुष्टि- निराशा, घृणा
यदि जयादातर टाइम हम ठीक feel करते है, तो हम इस ठीक feeling को ही positive emotion मान सकते है. "प्रेम का पैमाना बगैर पैमाने के प्रेम देना है .

अगर हम पैसे की बात करें तो sufficient money न होने के कारण हम धन के बारे में सोचते समय बुरा महसूस करते है तो हमें financial field में असफलता ही मिलेगी. हर चीज़ का सम्बन्ध हमारी feelings से है .