इंडिया में लोगों की गरीबी और लाचारी की कहानियां तो आप आए दिन सुनते होंगे मगर ये कहानी सच्ची होने के साथ फेमस भी है. पिछले दिनों पेरिस हिल्टन की इंडिया विजिट पर उन्होने एक रोडसाइड बेगर को 100 डालर का एक नोट दे दिया. इस बात की चर्चा इंडियन मीडिया के सारे बड़े ग्रुप्स ने की. न्यूज की भूखी मीडिया के लिये यह एक अच्छी स्टोरी थी और पेरिस हिल्टन के लिये एक अच्छी पाजिटिव पब्लिसिटी. मगर इसके बाद कुछ ऐसा हुआ कि हमें भी इस स्टोरी को कवर करना पड़ रहा है.
नोट मिलने तक की सारी स्टोरी तो आप शायद अब तक पढ़ ही चुके होंगे इसलिये मैं उसमें ज्यादा डिटेल में नही जाऊंगा. आगे की कहानी मार्मिक है और शायद उसके बारे में दखलंदाजी में चर्चा करना जरूरी है.
महिला (महिला का नाम इशिका है) घर गई और जैसे ही उसके रिस्तेदारों ने डालर वाला नोट देखा वे उससे उसमें हिस्सा मागने लगे. इशिका ने उसमें से कोई भी हिस्सा देने से मना कर दिया. घर में लड़ाई छिड़ गई. नौबत मारपीट तक आ गई. महिला को पीटा भी गया पर वह अड़ी रही. उसके मुताबिक यह उसकी कमाई थी जो उसे गिफ्ट के तौर पर मिली थी.
कलह बढ़ गई. इशिका ने जो नोट अपने जीजा को कैश कराने के लिये दे रखी थी उसे उसके देवर ने फाड़ कर टुकड़े टुकड़े कर दिया. इसी के इशिका के सपने भी टुकड़े टुकड़े हो गए. आप सोच रहे होंगे कि मैने सौ डालर में ही उसके सपने संजो दिये मगर जरा गौर फर्माइये कि सौ यूएस डालर्स का मतलब होता है 4918 रूपये और इतने रूपयों से इशिका ने कार खरीदने के सपने तो वाकई नहीं सजाए होंगे पर यह तो जरूर हैं कि यह मनी उसके लिये काफी इंपार्टैंट तो थी ही.
मैं चाहूंगा कि इस स्टोरी को इस तरह न लें कि एक सेलिब्रेटी ने एक भिखारी को 100 डालर दिये और उसने इसे बर्बाद कर दिया बल्कि इसे ऐसे देखें कि यहां महिलाओं की स्थिति क्या है, 33 रूपये में ही अमीर हो जाने वाला इंडियन किस तरह 4918 रूपयों के लिये मारपीट पर उतर आता है, देश में गरीबी का हाल किस कदर बदतर होता चला जा रहा है.
अफसोस कि हमारी दखलंदाजी से कोई फर्क नहीं पड़ेगा. फिर भी इस आशा में कि शायद कोई फर्क पड़े,
दखलंदाजी जारी रहे.
आपका दखलंदाज दोस्त
आलोक
नोट मिलने तक की सारी स्टोरी तो आप शायद अब तक पढ़ ही चुके होंगे इसलिये मैं उसमें ज्यादा डिटेल में नही जाऊंगा. आगे की कहानी मार्मिक है और शायद उसके बारे में दखलंदाजी में चर्चा करना जरूरी है.
महिला (महिला का नाम इशिका है) घर गई और जैसे ही उसके रिस्तेदारों ने डालर वाला नोट देखा वे उससे उसमें हिस्सा मागने लगे. इशिका ने उसमें से कोई भी हिस्सा देने से मना कर दिया. घर में लड़ाई छिड़ गई. नौबत मारपीट तक आ गई. महिला को पीटा भी गया पर वह अड़ी रही. उसके मुताबिक यह उसकी कमाई थी जो उसे गिफ्ट के तौर पर मिली थी.
कलह बढ़ गई. इशिका ने जो नोट अपने जीजा को कैश कराने के लिये दे रखी थी उसे उसके देवर ने फाड़ कर टुकड़े टुकड़े कर दिया. इसी के इशिका के सपने भी टुकड़े टुकड़े हो गए. आप सोच रहे होंगे कि मैने सौ डालर में ही उसके सपने संजो दिये मगर जरा गौर फर्माइये कि सौ यूएस डालर्स का मतलब होता है 4918 रूपये और इतने रूपयों से इशिका ने कार खरीदने के सपने तो वाकई नहीं सजाए होंगे पर यह तो जरूर हैं कि यह मनी उसके लिये काफी इंपार्टैंट तो थी ही.
मैं चाहूंगा कि इस स्टोरी को इस तरह न लें कि एक सेलिब्रेटी ने एक भिखारी को 100 डालर दिये और उसने इसे बर्बाद कर दिया बल्कि इसे ऐसे देखें कि यहां महिलाओं की स्थिति क्या है, 33 रूपये में ही अमीर हो जाने वाला इंडियन किस तरह 4918 रूपयों के लिये मारपीट पर उतर आता है, देश में गरीबी का हाल किस कदर बदतर होता चला जा रहा है.
अफसोस कि हमारी दखलंदाजी से कोई फर्क नहीं पड़ेगा. फिर भी इस आशा में कि शायद कोई फर्क पड़े,
दखलंदाजी जारी रहे.
आपका दखलंदाज दोस्त
आलोक