Sportsmanship- सर उठा के जियो

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  • Wednesday, August 3, 2011
  • इंग्लैंड के 131 के जवाब में West Indies ने Alvin Kallicharran के शानदार 142 runs की बदोलत 274/6 पर बना लिया थे. दिन की आखरी ball जुलिएन ने defence की और tony Greig ने silly point पर पकड़ ली. सभी को लगा के दिन खत्म हो गया और सभी वापस जाने लगे तभी Tony Greig ने देखा के Kallicharan non striker end से आगे बढ़ गए और Grieg ने ball stumps की और फेकी और उनके stumps उड़ा दिए और umpire ने उन्हें आउट दे दिया क्योंकि umpire ने day end करने को कहा नहीं था .


    Chirag Joshi, Ujjain
    chirag_joshi94@yahoo.com

    Sportsmanship हर खेल में important होती हैं और अक्सर sportsmanship को अपनाने में नतीजे आपके पक्ष में नहीं आते ...ऐसा ही कुछ हुआ भारत और इंग्लैंड के बीच हुए 2nd टेस्ट मैच के दौरान, जब मैच के तीसरे दिन tea के पहले last ball पर Morgan ने shot खेला और 3 रन लिए. Bell को लगा के ball boundary के पार जा चुकी हैं और ball का stumps तक आने का wait करे बगैर उन्होंने क्रीज़ छोड़ दी. भारतीय fielders ने उनके stumps उड़ा दिए और third umpire ने उन्हें आउट दे दिया और कहा के ball boundary के पार नहीं हुई थी .

    tea के बाद जब इंडियन टीम वापस मैदान पर आई थी दर्शको ने हूटिंग करना शुरू कर दिया, पर जैसे ही बेल ground पर आये दर्शको ने इंडियन टीम के लिए तालिय बजाई. दरसल tea ब्रेक के टाइम ही इंडियन टीम ने फैसला लिया था कि बेल को वापस बुलाया जायेगा. टीम ने माना कि बेल से यह समझने में गलती हुई थी कि session end हो गया हैं और इसीलिए उन्होंने अपनी appeal वापस ले ली.

    तेंदुलकर का था idea

    धोनी के इस decision की बहुत तारीफ़ हुई और वो सबकी नज़रो में हीरो बन गए. इंडिया ये मैच भी हार गया और अगर उस टाइम बेल आउट हो जाते तो मैच की कहानी कुछ और हो सकती थी. माना जा रहा है कि धोनी के इस decision के पीछे दुनिया के महान batsman सचिन तेंदुलकर थे. उन्होंने ही पूरी टीम और धोनी को इस बात के लिए मनवाया कि हमें appeal वापस ले लेनी चाहिए.

    तेंदुलकर हमेशा से ही sportsmanship के example देते आये हैं. हाल ही में वर्ल्ड कप में west Indies के खिलाफ हुए मैच में umpire के आउट देने से पहले ही वो चल दिए थे और तभी umpire ने आउट दिया था .

    पहले भी हुए हैं incidents

    इस तरह के run out का एक वाकया पहले भी हुआ था. ये February 1974 की बात हैं. वाकया West Indies और England के बीच हुए टेस्ट मैच का था. इंग्लैंड के 131 के जवाब में West Indies ने Alvin Kallicharran के शानदार 142 runs की बदोलत 274/6 पर बना लिया थे. दिन की आखरी ball जुलिएन ने defence की और tony Greig ने silly point पर पकड़ ली. सभी को लगा के दिन खत्म हो गया और सभी वापस जाने लगे तभी Tony Greig ने देखा के Kallicharan non striker end से आगे बढ़ गए और Grieg ने ball stumps की और फेकी और उनके stumps उड़ा दिए और umpire ने उन्हें आउट दे दिया क्योंकि umpire ने day end करने को कहा नहीं था .

    ऐसा ही एक वाकया हुआ था श्रीलंका और Newzeland के बीच हुए टेस्ट मैच में जब मुरलीधरन संगकारा को century की बधाई देने जा रहे थे और वो भी तब जब ball वापस wicket keeper के पास नहीं आई थी और जैसे ही ball आई उनके stumps उड़ा दिए गए और उन्हें आउट दे दिया गया .

    क्रिकेट में हैं sportsmanship के कई examples

    Sportsmanship के कई example क्रिकेट में देखने को मिलेंगे Hansie Cronje ने भी एक बार one day के टाइम अजय जडेजा को वापस बुलाया था जब वो run out हो गए थे लेकिन उन्हें Cronje के ही टीम मेट B .Macmillan ने गिरा दिया था और उसी कारण वो out हो गए थे.

    2 बार तो ऐसे वाकये हुए के आप भी सोचेंगे के कोई खिलाडी wicket लेने के लिए किस हद तक जा सकता हैं, दोनों बार ही wicket keeper involve थे एक बार इंग्लैंड के present wicket keeper prior और एक बार ऑस्ट्रेलिया के wicket keeper, Brad Haddin.

    दरअसल Mitchell Johnson batting कर रहे थे और एक गेंद वो मिस कर गए. गेंद काफी पास थी. जब उन्होने Stumps की ओर अचानक देखा तो उनकी bells गिर गई और सभी को लगा के वो bowled हो गए पर वो नहीं मान रहे थे.third umpire ने जब देखा तो पाया के bells prior ने अपने हाथ से गिराई हैं और उन्हें not out दे दिया गया .

    Brad Haddin ने भी ऐसा ही करा था और उस टाइम batsman थे Newzeland के Niel Broom. Broom को bowled करार दे दिया गया और वे चले गए. बाद में जब replay में पाया गया के वो आउट नहीं थे. Haddin ने bells गिराई थी .

    कई दफा ऐसा भी हुआ हैं कि Sportsmanship को साइड में करके खिलाडियो ने अपना हित पहले देखा हैं. जैसा ऑस्ट्रेलिया की टीम ने सिडनी में करा था और उन्हें फिर जीत भी मिली थी. मगर ऐसी जीत से तो टीम का मनोबल बढ़ता हैं और ही हौसला. साथ ही टीम को criticize भी किया जाता हैं. Sportsmanship से खेलने पर चाहे आप हार जाओ पर आप हमेशा अपना सर उठा कर respect के साथ चल सकते हो.


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