दोस्तों,
आपको यह बताते हुए बड़ी खुशी हो रही है कि आपकी ‘दखलंदाजी मैगजीन’ को एक इंटरनैशनल बिजनेस मैगजीन SME World ने अपने अगस्त एडीशन में फीचर किया है. यह मैगजीन एशिया में छोटे इन्टरप्रैन्योर्स को प्रोमोट करने वाली एकलौती मैगजीन है. मलेशिया में भी इस तरह की एक मैगजीन है मगर SME World के काम के स्तर को देखते हुए हम उसे SMEs को डेडीकेटेड पहली और एकमात्र मैगजीन मान सकते हैं.
मैगजीन के एडिटर राजेन कुमार ने जब दखलंदाजी टीम से कान्टैक्ट किया तो वे इसके बाइलिंग्वल फार्मेट और यूनीक कंटेट स्टाइल से बेहद प्रभावित थे. उन्होने दखलंदाजी के नाम को भी काफी पसंद किया. हमें खुशी है कि हमारी टीम के सार्थक प्रयासों और रीडर्स के अडिग भरोसे की दम पर आज हम एक इंटरनेशनल प्लेटफार्म पर अपनी पहचान बना चुके हैं. गूगल एनालिटिक्स की मानें तो दखलंदाजी के लगभग 19% रीडर्स ऐसे हैं जो अमेरिका में रह रहे हैं और इंडियन कंटेंट के लिये यहां की वेबसाइटो को सर्च करके हमारी दखलंदाजी वेबसाइट पर पहुंचते हैं. दखलंदाजी के कुल रीडर्स में से 27% रीडर्स इंडिया के बाहर के देशों के हैं और वे हर रोज हमारी साइट को विजिट करते हैं.
पिछले साल जब हमने पूरी तरह से अपनी वेबसाइट को बाइलिंग्वल और एनालिसिस पर बेस रखने का प्लान बनाया तो हमारे रीडर्स ने इस आइडिया को हाथों हाथ लिया. पिछले एक साल में हमारे साथ कई नए और टैलेंटेड लोग जुड़े हैं और यही वजह है कि हम रीडर्स की अपेक्षाओं पर खरे उतर पाये हैं. इन सालों में हमने अपनी क्षमताओं को भी बढ़ाया और हमारी टीम ने बैंगलोर में एक बाई-मंथली प्रिन्ट मैगजीन भी लांच की. हम लगातार इस कोशिश मे लगे हैं कि दखलंदजी पर आ रहे कंटेंट में और ज्यादा वैराइटी हो और इसके लिये हमने कई नए कांट्रैक्ट किये हैं. बहुत जल्द हम ट्रैवेल का एक डेडीकेटेड सेक्शन भी इन्ट्रोड्यूस कर रहे हैं और यात्रा डाट काम की एक टीम हमारी मदद करने को तैयार है. आपको बताते चलें कि हमारी टीम हेल्थ और स्प्रिचुऐलिटी पर यूनीक कंटेंट तैयार कर रही है.
हम यह मानते हैं कि हमारा प्रयास आकाश में पत्थर उछाल कर छेद करने जैसा है और हमे अपनी लिमिट्स भी अच्छी तरह पता हैं, मगर साथ ही हमे दुश्यन्त की लिखी इन लाइनों पर पूरा भरोसा है – “कौन कहता है कि आसमा मे सुराग नहीं होता, कोई पत्थर तो तबियत से उछालो यारों. ”
दखलंदाजी जारी रहे!
Regards
Editor
Dakhalandazi