Cricket अभी बाकी हैं my friend!

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  • Friday, August 19, 2011
  • क्रिकेट को अनिश्चितताओं का खेल कहा जाता हैं और कई बार इस खेल ने मिसरे को साबित भी किया है. इसीलिए कहा जाता है कि मैच चाहे कैसे भी दो देशों के बीच हो, खेल शुरू होने से पहले कभी भी result बताना मुश्किल ही होता हैं.


    Chirag Joshi, Ujjain
    chirag@dakhalandazi.co.in


    Zimbabwe एक छोटा सा देश हैं और इस छोटे से देश ने क्रिकेट को कई प्रतिभावान खिलाडी दिए हैं और हाल ही में बांग्लादेश को test और ODI series में हरा दिया हैं. लेकिन ज़िम्बाब्वे की ये जीत छ: साल बाद आई हैं. जी हा आपको ये जानकर हैरानी होगी ये ज़िम्बाब्वे ने पिछले छ: साल से कोई भी टेस्ट मैच नहीं जीता था.

    1992 में भारत के खिलाफ की थी शुरुआत

    1980 में आज़ादी मिलाने के बाद 21 जुलाई 1981 को ICC ने ज़िम्बाब्वे को associate members में शामिल कर लिया था.

    पहला टेस्ट ज़िम्बाब्वे ने 1992 में भारत के खिलाफ हरारे में खेला था. टेस्ट का दर्जा प्राप्त करने वाला ये नौवा देश था. इससे पहले ज़िम्बाब्वे ने वर्ल्ड कप 1983, 1987 में भी शिरकत की थी.

    फ्लावर भाइयो का जादू

    जब जब ज़िम्बाब्वे की क्रिकेट टीम की बात होती हैं या आगे जब भी होगी फ्लावर भाइयो को जरुर याद किय जायेगा. Andy Flower and Grant Flower दोनों भाई इस टीम की जान थे. एक तरफ से Grant ओपनिंग सँभालते थे तो दूसरी तरफ से Andy middle order और wicket keeping का भार सँभालते थे.

    इनके अलावा Andy Blignaut और Heath Streak जैसे all-rounder भी थे. Murray Goodwin, Alistair Campbell, जैसे world class batsman और Henry Olanga और Paul Strang जैसे शानदार bowlers थे.
    एक वक़्त इस टीम को भी काफी मजबूत टीम माना जाता था और हलके में नहीं लिया जाता था.

    1999 वर्ल्ड कप सुपर सिक्स में ज़िम्बाब्वे को पांचवा स्थान मिला था और सिर्फ नेट रन रेट के आधार पर semifinal की दौड़ से बाहर हो गया था. भारत के खिलाफ जीत भी सबको याद हैं जो इसी वर्ल्ड कप में मिली थी जब हेनरी ओलंगा ने एक ओवर में 3 wicket ले कर भारत के हाथो से जीत छीन ली थी.

    2003 में राजनीति का क्रिकेट में प्रवेश

    2003 वर्ल्ड कप से ही ज़िम्बाब्वे क्रिकेट में राजनीति की बू आने लगी थी और जिसके चलते एंडी फ्लावर और हेनरी ओलोंगा काली पट्टी बांध कर मैदान में उतरे थे. यह उनका विद्रोह था सरकार के खिलाफ और इस विद्रोह का नतीजा यह हुआ कि दोनों को टीम से बाहर कर दिया गया.

    2004 Heath Streak को भी टीम से निकाल दिया और इस वजह से 14 खिलाडियो ने टीम को छोड़ दिया. इस तरह की situation को देखते हुए ज़िम्बाब्वे बोर्ड ने 2004 में कोई भी टेस्ट खेलने से मना कर दिया.

    टीम के चयन में बढती राजनीती के चलते 2005 captain Taibu ने international cricket से संन्यास ले लिया.
    6 January 2006 को ज़िम्बाब्वे की सरकार ने बोर्ड की बागदौड़ संभाली और Peter Chingoka and Ozias Bvute को निष्काषित कर दिया. 18 January 2006 को सरकार ने ये निर्णय लिया के 2006 में टीम एक भी टेस्ट मैच नही खेलेगी क्योंकि टीम का स्तर टेस्ट के लायक नहीं हैं. वैसे 2007 में West Indies के खिलाफ उन्हें खेलना था पर ऐसा हुआ नहीं और अंतत 4 अगस्त 2011 को ज़िम्बाब्वे ने टेस्ट मैच खेला और एक शानदार जीत दर्ज की.

    माना कि बंगलादेश की टीम इतनी मजबूत नहीं हैं पर फिर भी यह ज़िम्बाब्वे के मुकाबले ज्यादा ही क्रिकेट खेल रही थी और कम्पैरिटिवली बेहतर टीम मानी जाती थी. ज़िम्बाब्वे ने न सिर्फ टेस्ट में बल्कि ODI में भी 3 -0 की विजयी बढ़त ले ली हैं.ICC टी-20 वर्ल्ड कप-09 में इस टीम ने ऑस्ट्रेलिया जैसी महारथी टीम को पांच wickets से हराकर अपनी वापसी का संकेत दे दिया था.

    ज़िम्बाब्वे की बांग्लादेश पर ये जीत बताती हैं अभी उनमे बहुत क्रिकेट बांकी हैं और विश्व की दूसरी teams को टक्कर देने के लिए आगे बढ़ चुकी हैं.

    -- दखलंदाजी जारी रहे



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