पर आखों में हैं

Posted on
  • Saturday, January 22, 2011
  • गाँठ भर गहनों 
    मांग भर सिन्दूर 
    हाथ भर चूड़ियों 
    और कुछ
    सुन्दर कपड़ों के बदले  
    खरीद लिया तुमने मुझे
    और फिर...................
    चुपके से मांग लिया
    मेरे पिछले रखवालों से
    मेरी ताजिंदगी
    रखवाली का किराया 
    और...............
    यह सब देखकर 
    मेरा
    हँसता हुआ चेहरा
    फक पड़ गया 
    और 
    गाता हुआ
    गला भर आया .




    ------------------------------------------------------------




    हर हाथ में नहीं है 
    झाड़ू 
    कुछ में है चिमटा, 
    और फूंकनी, 
    कुछ में
    वह भी नहीं 
    पर कुछ एक हाथों में है-
    स्टीयरिंग, 
    मोबाइल ,
    और लैपटॉप भी,
    हाँ .....................
    हाथों में कुछ भी हो
    पर आखों में हैं- 
    सपने
    हर एक लड़की के
    मुट्ठी भर आसमान पाने के 
    एक अपना भी 
    मुकाम बनाने के ......
    Next previous
     
    Copyright (c) 2011दखलंदाज़ी
    दखलंदाज़ी जारी रहे..!