सारे शहर में होती है बारिश
कोई बन्दा नहीं तरसता है
आसमां से बरसता प्यार
और भीगता हर दिल खुलकर
किसी आंख से ना गिरते आंसू.
फिर लोग बारिश से ना बचते
बेख़ौफ़ भीगते सड़कों पर
बंद हो जातीं दुकानें छातों की.
पूरे शहर में प्यार भर जाता
हर मोहल्ले में बाढ़ आ जाती
और ये तबाही नहीं खुशी लाती.
रोक ना पता कोई ये बारिश
ना कानून, ना सरहद, ना मज़हब कोई
देखते रह जाते सियासी बौने.
फर्क ना पड़ता प्यार की बूंदों पर
किसी की दौलत या जिस्म के सुघढ़पन का
प्यार सही मायने में अंधा होता है.