प्ले बैक सिंगिंग की अनोखी विडम्बना

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  • Monday, December 13, 2010
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            हाल ही में अलीशा चिनॉय ने ऐलान किया है कि अब वो प्लेबैक सिंगिंग नहीं करेंगी. इसके पीछे उन्होंने जो कारन दिया है वो कोई नया नहीं बल्कि प्लेबैक सिंगिंग का एक आधारभूत दोष है पर अजीब बात है कि प्रायः लोग इसकी शिकायत करते नहीं देखे जाते. अलीशा चिनॉय का कहना है कि बोलीवुड में गाना कितना ही बड़ा हिट क्यों ना हो सारा फायदा मिलता है एक्टर और एक्ट्रेस को. बात सौ फीसदी सही है पर सुनने में बड़ी अजीब सी लगती है क्योकि हमें ऐसा ही देखने की आदत पड़ गयी है. बड़े एक्टर जो कि वास्तव में बड़े ही मामूली किस्म के डांसर होते हैं, वो जाने कितने शोज़ में बड़े बड़े सिंगेर्स के गानों पर लिप्सिंग करते हुए डांस करते हैं. विदेशों में कोई भी व्यक्ति ऐसा तभी करता है जब वो एक वेरी स्पेसल डांसिंग टैलेंट हो. किन्तु आपने देश में हीरो परदे पर ही नहीं परदे के बाहर भी सुपरमैन होता है. परदे पर तो कहना ही क्या परदे के बहार भी वो सब कुछ कर सकता है. एक बार मैडोना शाहरुख़ खान के एक शो में गयी और वहाँ शाहरुख़ यही बेशर्मी कर रहे थे, जिसे हमारे देश में स्टारडम कहा जाता है. वो बीच में अपनी फिल्मों के कुछ फेमस डायलाग भी बोलते जा रहे थे इस लिए एक कालर माइक लगा हुआ था. इसके अलावा वो अपनी फिल्मों के हिट गानों पर लिप्सिंग करते हुए डांस भी कर रहे थे. मैडोना ने शाहरुख़ खान की तारीफ करते हुए वहा मौजूद कुछ लोगों से कहा कि वो सचमुच बहुत अच्छा गाते हैं. 
           
                 हमारे देश में सिंगर को परदे के पीछे के आर्टिस्ट में बदल दिया गया है. यहाँ सिंगर और लिरिक्स राइटर में बस इतना फर्क है कि सिंगर को शोज़ मिल जाते हैं, जबकि लिरिक्स राइटर लाइव शो नहीं कर सकता. और दुर्भाग्य की बात है कि हिन्दुस्तान में ना तो पॉप सिंगिंग अभी तक हिट हुयी है और ना ऐसा होने के आसार ही नज़र आते हैं, आखिर गरीबों के देश में कितने लोग खरीद कर गाने सुन सकते हैं. दरअसल ये मामला बहुत गंभीर है, ये केवल सिंगर का ही अपमान नहीं है बल्कि पूरी म्यूजिक फील्ड का अपमान है क्योकि ये एक सत्य है कि मानव इतिहास की एक बहुत पुरानी और शायद सबसे खूबसूरत कला संगीत हिन्दुस्तान में मात्र एक फिलर बनके रह गयी है. जिसका उपयोग फिल्मों की मार्केटिंग के लिए होता है. जिसका अपना अस्तित्व ही ख़त्म हो रहा है. कुछ दिन बाद हिन्दुस्तान में संगीत बस मार्केटिंग का एक तरीका बनके रह जायेगा. जिससे कुछ लोग पैसा कमा रहे होंगे, क्योकि तब इस फील्ड में पैसे के अलावा कमाने को कुछ होगा भी नहीं. 



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