जीना है तो तेरी मरजी, नही तो मरजा.........!

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  • Sunday, October 10, 2010

  •  बामुलाज़ा होशियार खबरदार
    महंगाई हो चुकी है असरदार
    आटा होगा बीस का किल्लो
    सोच-सोच घबराए बिल्लो
    चावल कौन-सा कम है
    मिसेज शर्मा को तो यही गम है
    दाल तो पहले ही खा चुकी भाव
    फ्राई, मखनी खाने के धरे रह गए चाव
    होने वाली है चीनी चालीस पार
    क्या पकोगे और फ़िर क्या खाओगे बरखुरदार
    पीएम साब बोले, तैयार रहना मेरी प्रजा
    सब्जी के लिए लेना पड़ सकता है कर्जा
    जीना है तो तेरी मरजी, नही तो मरजा |
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