मै हारूं या जीतूं अलग बात है

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  • Monday, June 21, 2010
  • मै हारूं या जीतूं अलग बात है
    एक ताकत तो मैंने लगाई ही है

    जो सपने देखे वो पूरे होंगे की न
    मैंने सपनो से आंखे मिलाई ही है

    जीतूँगा बस ये ठाना है हा
    ये कसम तो मैंने उठाई ही है

    वो न हुए अपने कोई बात नहीं
    की अपनों से आखिर लड़ाई ही है

    वो माने न माने कोई गम नहीं
    आखिर शान उनकी बढाई ही है

    - मनीष शुक्ला
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