
कल भी लंगोटी वालों की जीत थी
आज भी टोपी वालों की जीत है.
एक कदम जो तुमने उठाया था
विशाल कारवां बन गया.
एक परचम जो तुमने लहराया था
आज हमारा हमसाया बन गया.
तुमने जो लड़ाई छेड़ी थी,
उसमें कोई नहीं है शोर.
कल भी शान्ति का पाठ पढ़ते थे,
आज भी अहिंसा का है जोर.
कमजोर आवाज नही हो तुम,
आगाज का अन्दाज हो तुम,
तुम एक नही हो खुद में,
जनजन की ललकार हो तुम.
इसलिये कल भी लंगोटी वालों की जीत थी
आज भी टोपी वालों की जीत है.
By- Chhaya Mehrotra
chhaya@dakhalandazi.co.in
chhaya@dakhalandazi.co.in

Join hands with Dakhalandazi
Message to Kapil Sibal
Save Your Voice: अपनी आवाज बचाओ
13 May: लंगड़ी यात्रा
Ban on the cartoons
Saraswati Siksha Samiti