

इस रूठे हुए को मानाने का"शुक्रिया "
आवारगी से नवाजा है जमाने ने इसे
तेरा इस से दिल लगाने का "शुक्रिया "
बड़ी खामोश है जिन्दगी इसकी
संग इसके मुस्कुराने का "शुक्रिया "
घर होते हुए भी बेघर रहा
इसके संग घर बसाने का "शुक्रिया "
"मनी" समझ होके भी न समझे लोग
तेरा इसको समझ जाने का "शुक्रिया "
----------- - मनीष शुक्ल

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