सुना है आज कल वो मेरा नाम लेके जगते है
मेरे लिए जी जान से हज़ारो दुआ करते है
कहते है हम खवाबो में उनके आने लगे है
हम इस तरह की चाहत से अब बहुत ही डरते है
वादे वो इतने करते है साथ देने के
वो नाज़ुक पल भी उनको मानने लगते है
क्यों हकीकत से वो बहुत हटके सोचते है यारो
क्यों मुझको ये बहके हुए लोग लगते है
'मनी' करे किस किस पे भरोसा यहाँ पर
सब तो यहाँ उलझे हुए से लगते है
..................मनीष शुक्ल