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वे दोनों विपरीत दिशाओं से चले आ रहे थे .....अपने आप में खोए हुए |
तभी अचानक .... !! न जाने कैसे दोनों की आपस में टक्कर हो गई | बात बढ़ते-बढ़ते मार - पीट तक पहुँच गई | दोनों ओर से लात - घूंसे चलने की नौबत आ गयी | गालियों की बौछार भी शुरू हो गई | पर कुछ समझदार लोगों ने बीच-बचाव कर मामला शांत करवा दिया | सब अपने -अपने घर चले गए |
दूसरे दिन अखबार में खबर छपी - " भरे बाजार में दलित को पीटा "
अब वह दोनों साधारण से राहगीर नहीं रह थे , उन्हें उनकी पहचान मिल चुकी थी और हवा कुछ जहरीली सी हो गई थी.........