रे राही ,रे राही रे
ना कर अभिमान
दर कदम दर चल
नहीं तो
गिर तू जायेगा
ना सोच सीधे
सातवाँ आसमां पाने की
रे राही ,रे राही रे
धीरे चल
पायेगा तू हर आसमां
दर कदम दर चल
करेगा तू हर आसमां को पार
रे राही रे ...
ना कर अभिमान
दर कदम दर चल
नहीं तो
गिर तू जायेगा
ना सोच सीधे
सातवाँ आसमां पाने की
रे राही ,रे राही रे
धीरे चल
पायेगा तू हर आसमां
दर कदम दर चल
करेगा तू हर आसमां को पार
रे राही रे ...
....Sanjay Bhaskar....