क्रिकेट के खेल में आलोचना करना कोई नयी बात नहीं हैं. field पर भी sledging होती हैं परन्तु कई बार कुछ बातें ऐसे कह दी जाती हैं जो शायद किसी देश या किसी खिलाडी के सम्मान को ठेस पहुंचा देती हैं. हाल ही में इंग्लैंड के पूर्व कप्तान Nasser Hussain ने एक ऐसा ही बयान दिया और इस वजह से सारी दुनिया ने उन्हें क्रिटिसाइज किया.
Chirag Joshi, Ujjainchirag@dakhalandazi.co.in
आखिर बोला क्या हुसैन ने
भारत और इंग्लैंड के बीच हुए टी-20 मैच में जब पार्थिव पटेल ने Kevin Pieterson का कैच छोड़ दिया तो हुसैन ने कहा "इस टीम में कुछ खिलाड़ी गधे हैं ". हुसैन ने बाद में कहा के उनका कहने का मतलब कुछ और था . अब ये समझ से बाहर हैं के वो गधे शब्द से और क्या कहना चाह रहे थे .
हुसैन के करियर पर एक नज़र
भारत में जन्मे Nasser Hussain ने वेस्टेंडीज के खिलाफ अपना पहला टेस्ट 1990 में खेला था. अपने जीवन में 96 टेस्ट खेलने वाले हुसैन का average टेस्ट में 37.18 का रहा था और उन्होंने 5764 रन बनाये थे .
ODI में तो उनकी और बुरी हालत हैं. 88 मैच में उन्होंने 30 .28 की average से सिर्फ 2332 रन बनाये थे और ODI में उनके नाम सिर्फ 1 century हैं .जरा सोचिये कि जब उनका खुद का करियर कोई बहुत अच्छा नही रहा हो तो वे उस टीम के खिलाडियो की आलोचना कैसे कर सकते हैं जो कि वर्ल्ड कप जीत चुकी हो.
अगर कोई ऐसा खिलाड़ी जिसका क्रिकेट जगत में कोई बहुत बड़ा नाम हो कमेन्ट करे तो सोचा जा सकता हैं पर हुसैन इस लेवल के नहीं हैं कि वो इंडियन टीम पर कमेन्ट करे और वो भी इस तरह से. जिस इंग्लैंड टीम पर उनका इतना नाज़ हो रहा हैं वही टीम आज तक ODI वर्ल्ड कप नही जीत पायी हैं .
हुसैन पर एक मुहावरा बड़ा जमता हैं के "जिनके खुद के घर शीशे के होते हैं वो दूसरो के घरो पर पत्थर नहीं फेकते"
इंडियन टीम तो फिर भी काफी समय से नंबर 1 से टेस्ट में नंबर एक थी. इंग्लैंड की तो यह एक शुरुआत हैं. अभी तो कई दौरे हैं जहां असली परीक्षा होगी उनकी जिसमे अगला दौरा भारत का ही हैं जहां उन्हें 5 ODI और 1 टी-20 खेलना हैं .
जैसा हमारा व्यवहार और नजरिया रहता हैं हम भारतीय सामने वाले को गाली दे कर अपनी जुबान ख़राब नहीं करते. हम जवाब उसी field के अनुसार देंगे , भारत के टीम को गधा कहने वाले हुसैन को शायद ये मालूम नही हैं के जब गधा लात मारता है तो आदमी उठता नही उठ जाता हैं.क्रिकेट को gentelman game कहा जाता हैं और आजकल इस खेल में काफी sledging और आलोचना होने लगी हैं पर हर चीज़ की अपनी एक सीमा रेखा होती हैं और खिलाडियो को वो सीमा रेखा के बाहर नहीं जाना चाहिए. इससे खेल पर भी फर्क पड़ता हैं.
(The views expressed here are those of the author and do not necessarily reflect those of the Dakhalandazi or Bangalured.)

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