||मेरी ज़रूरते काम हैं , इसी लिए मेरे ज़मीर में दम है ||
इस संवाद से एक इमानदार का पुलिस ऑफीसर एक भ्रष्ट senior ऑफिसर के मुंह पर तमाचा मारता है..बाज़ी राव सिंग्हम वही काल्पनिक नायक है जिससे सारा हिंदुस्तान आस लगाये बैठा है. वो रक्षक है, वो वीर है, वो सच का साथ देता है और भ्रष्ट को लात देता है, वो भी घुमा के .इसीलिए बाज़ी राव सिंग्हम की हर कड़क dialogue पर पब्लिक हल्ला मचाती है सीटिया बजती है वो भी multiplex की. निर्देशक रोहित शेट्टी ने भ्रष्ट सिस्टम के खिलाफ फडफाड़ा रही हिंदुस्तान की आज की नब्ज़ को बखूबी पकड़ा है.
और जनता ने दिए है इस फिल्म को १००% मार्क्स ....रही बात फिल्म की .. फिल्म एक ढीले सुर से स्टार्ट होती है और पूर्वानुमानित लगती है पर फर्स्ट हाफ में फिल्म का संगीत ,संवाद और गीत आपको जकड़ने लगते है. ज़्यादातर चीज़े वास्तविक नहीं लगती पर दिल चाहता है उन्ही को असलियत माने क्यूकि फिल्म में ही सही भ्रस्टाचार का कोई तो डट कर मुकाबला कर रहा है.
सेकंड हाफ काफी उठा पटक से भरा है जो आपको हंसने और रोमांचित करने पर मजबूर करता है. प्रकाश राज हिंदी में अपनी बेहतरीन पकड़ बना रहे है इसी तरह चलता रहा तो वो बॉलीवुड मजबूत खलनायक की कमी को भर सकते है. मराठी माणूस और मराठा संवेदना को छूने की कोशिश करती इस मसाला फिल्म को दखलंदाज़ी की ओर से १० में से ८ अंक दिए जा सकते है. और रोहित शेट्टी को उनके इस सामाजिक प्रयास के लिए ८.५/१०.
|| जिसमे है दम तो फ़क्त बाजीराव सिंग्हम ||
Dr. Vishal
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film netted a total of Rs. 12.25 crores on Sunday.
Day collections (in Rs. Cr) Friday 9.25 Saturday 9.50 Sunday 12.25 Total 31.00