आठ मार्च (महिला-दिवस)के बाद.....................!!!!

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  • Thursday, March 10, 2011
  • सुनो....सुनो.....सुनो....सुनो.....
    ओ देवियों....
    ओ संसार की तमाम नारियों...
    बालाओं...कन्याओं....
    इस,बीते महिला-दिवस के बाद...
    तुम्हारे ऊपर अब किसी पुरूष का
    कोई अत्याचार नहीं होगा....
    संसार-भर के मीडिया में
    महिला-दिवस के प्रचारित होने के बाद
    सहम गया है संसार-भर का पुरुष....
    और कसम खा ली है उसने कि....
    अब नहीं करेगा वह नारी का अ-सम्मान
    तो हे सम्पूर्ण नारियों....
    अब विश्व-विजेता हो तुम...
    और अब आगे चलेगी तुम्हारी ही मर्ज़ी
    अब चार साल से बारह साल की बच्चियां
    नहीं फ़ेंक दी जायेंगी कहीं कुकर्म के बाद...
    और किसी चलती लड़की पर,
    कभी तेज़ाब नहीं फेंका जाएगा....
    अब कोई अरुणा नहीं पड़ी रहेगी....
    सैतीस साल तक किसी अस्पताल के बिस्तर पर...
    और ना ही पच्चीस सालों तक लड़ना पडेगा,
    किसी भंवरी देवी को कचहरी में न्याय....!!
    कोई किसी नारी को जीते-जी....
    किसी तंदूर में नहीं भूनेगा....
    और ना ही कोई आरूषी अपने ही माँ-बाप से
    ह्त्या का शिकार बन पाएगी.....
    और तो और अपने इस भारत में
    अब कहीं कोई दहेज़-ह्त्या नहीं होगी....
    यहाँ तक कि किसी मनचले की किसी....
    छेड़खानी का शिकार भी नहीं बनेगी कोई लड़की....
    और रात को अकेले चल सकोगी तुम सब भयहीन,सड़कों पर
    और सारे पियक्कड़ और क्रोधी पति भी आठ मार्च के बाद
    अपनी स्त्री को अपने जुल्म का शिकार नहीं बनायेंगे...
    और ना ही अब समझी जायेगी किसी स्त्री की योनि...
    अपनी तिजोरी के धन या जमीन की भांति अपनी मिलकियत
    हे दुनिया की तमाम देवियों...
    कितनी आशावादी हो ना तुम सब....
    अब तो मैं भी तुम सबकी तरह इस आशा का शिकार हो चुका हूँ
    ऐसा लगता है कि किसी(ब्राहमण) ने ठीक ही कहा है....
    कि साल अच्छा है.....(चाहे बरसों पहले....!!)
    आठ मार्च के बाद ऊपर लिखा हुआ ही होगा....
    यानी कि कोई जोर और जुल्म नहीं होगा तुमपर....
    यह सब होगा और जरूर होगा.....मगर....
    तुम सबकी मृत्यु के पश्चात.....!!
    (अभी-अभी आज के प्रभात-खबर में पढ़ा कि बीती रात
    या दिन बारह साल की एक बाला को
    कुकर्म करके हत्या कर खेत में फ़ेंक दिया गया) 

    --
    http://baatpuraanihai.blogspot.com/



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