बारिश ने लिखी कविता

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  • Thursday, March 31, 2011

  • बारिश ने लिखी कविता
    किसी खिड़की के शीशे पर
    मगर अल्फाज़ पढ़ने का
    यहाँ पर वक़्त किसके पास है

    मौसम ने सजाया है
    बड़ी मेहनत से अम्बर को
    मगर छत पर टहलने का
    यहाँ पर वक़्त किसके पास है

    बाँहों में थाम लो भले
    ये बात और है
    मगर दिल में उतरने का
    यहाँ पर वक़्त किसके पास है

    समझ सकते हैं हम
    दुनिया के सारे कायदे कानून
    मगर खुद को समझने का
    यहाँ पर वक़्त किसके पास है.

                                   - Aseem Trivedi
                      
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