ग़ज़ल

Posted on
  • Friday, December 17, 2010
  • हवा के झोंको में भी वो असर अब है कहाँ
    तुम्हारी आखों में भी वो नज़र अब है कहाँ

    कहते हैं जो शिद्दत हो तो सब मिलता है
    पहले सा खुशनुमा अपना शहर अब है कहाँ

    वफ़ा के रास्ते में हजारों अडचनें होंगी
    इतना खूबसूरत अपना सफ़र अब है कहाँ

    दिल को दिल से समझ ले दिल से ही बता दे
    किसी में वो आतिशी जिगर अब है कहाँ

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    दखलंदाज़ी जारी रहे..!