क्यों वो मोहब्बत से हटते जा रहे है, रह रह के टुकडो में बटते जा रहे है

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  • Tuesday, November 9, 2010
  • क्यों वो मोहब्बत से हटते जा रहे है
    रह रह के टुकडो में बटते जा रहे है

    अब मिलते है तो नजरे मिलाते नहीं
    क्यों वो राश्ते से हटते जा रहे है

    जो वादा किया था उसका क्या
    क्यों वो मुझसे कटते जा रहे है

    क्या खता हुई कुछ बताया भी नहीं
    बस अपने आप में ही घुटते जा रहे है

    "मनी" कोई तो शिकायत है उनको
    जो चुपके चुपके कुछ सहते जा रहे है
    ...............मनीष शुक्ल
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