उम्र भर लिखते रहे............!!!

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  • Wednesday, November 3, 2010
  • उम्र भर लिखते रहे,हर्फ़-हर्फ़ बिखरते रहे
    बस तुझे देखा किये,आँख-आँख तकते रहे....!!
    उम्र भर लिखते रहे.....
    कब किसे ने हमें कोई भी दिलासा दिया
    खुद अपने-आप से हम यूँ ही लिपटते रहे....!!
    उम्र भर लिखते रहे.......
    आस हमारे आस-पास आते-आते रह गयी..
    हम चरागों की तरह जलते-बुझते रह गए.....!!
    उम्र भर लिखते रहे.....
    हम रहे क्यूँ भला इतने ज्यादा पाक-साफ़
    लोग हमें पागल और क्या-क्या समझते रहे...!!
    उम्र भर लिखते रहे....
    आज खुद से पूछते हैं,जिन्दगी-भर क्या किये
    पागलों की तरह ताउम्र उल्टा-सीधा बकते रहे....!!
    उम्र भर लिखते रहे....!!!
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    दखलंदाज़ी जारी रहे..!