बड़े प्यार से झोपडी में आने का जो था वादा, पर ए क्या आप तो महलो से झाँक भी न पाए

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  • Friday, October 1, 2010






  • बड़े प्यार से झोपडी में आने का जो था वादा
    पर ए क्या आप तो महलो से झाँक भी न पाए

    मैंने तो बना लिया था घर अपना
    पर ए क्या आप एक रिश्ता भी न बना पाए

    दिल न टूटे किसी का ऐसी दुआ कि थी
    पर ए क्या आप अपना ही दिल न बचा पाए

    देखे थे जो वो सपने सारे
    पर ए क्या आप तो कोई सपना न सजा पाए

    कहते थे ये सच्ची मोह्हबत है हमारी
    पर ए क्या आप तो दिल को दिल्लगी से न बचा पाए
    ..............................................मनीष शुक्ल

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