याद आ रहा है वो जमाना वो वालिया की चाय वो मौसम सुहाना

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  • Thursday, September 9, 2010















  • याद आ रहा है वो जमाना
    वो वालिया की चाय
    वो मौसम सुहाना
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    सारी सारी राते पब में बिताना
    दोस्तो के संग बिलियर्ड्स खेलना
    ब्रिटनी न शकीरा का दीवाना होना
    टॉम क्रूज़ की तरह स्टाइल मारना
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    याद आ रहा है वो जमाना
    वो वालिया की चाय
    वो मौसम सुहाना
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    कभी इंडिया gate तो कभी साउथ एक्स जाना
    बाइक पे ड्रिप स्टंट ओ लहरा के चलाना
    वो पार्टी में डांस राक आन के गाने गाना
    वो friends के संग जिम जाना और सरते लगाना
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    याद आ रहा है वो जमाना
    वो वालिया की चाय
    वो मौसम सुहाना
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    गर्लफ्रेंड को मूवी दिखाना उसके सामने लड़की देखना
    फिर उसको चिढाना उसके नखरे ओ बाबा अब उसको मानना
    उसकी एक smyle पे सबकुछ लुटाना
    वो mac-डी का पिज्जा मगाना
    वो बहार का spicey खाना
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    याद आ रहा है वो जमाना
    वो वालिया की चाय
    वो मौसम सुहाना
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    वो दखलंदाजी ब्लॉग पे शायरी करना
    ऑरकुट व् फसबूक पे बाते बनाना
    वो होन्ग कोंग की फ्रेंड हूँ चुंग सुई से
    रात रात भर स्काइप पे चैटिंग करना
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    याद आ रहा है वो जमाना
    वो वालिया की चाय
    वो मौसम सुहाना
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    वो ब्रांडेड कपड़ो का शौक
    वो फास्ट ट्रैक का चस्मा लगाना
    वो दुबई का परफुए
    वो बालो का spicey लुक
    वो कॉस्टली वरिस्ट वाच मगाना
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    याद आ रहा है वो जमाना
    वो वालिया की चाय
    वो मौसम सुहाना
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    वो मम्मी से कार की सिफारिश लगवाना
    उसपे पापा का कार खरीदना
    फिर असीम,अलोक,अभी,भाई के संग
    लॉन्ग drive पे जाना
    वो पापा से झूठ बोल के पॉकेट मनी बदवाना
    उससे गर्लफ्रेंड को ग्रीटिंग न गिफ्ट देना
    फिर उस से रोमांटिक बाते करना
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    याद आ रहा है वो जमाना
    वो वालिया की चाय
    वो मौसम सुहाना
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    वो कैंटीन की कोल्ड कोफ्फी
    वो सिगरते का धुआ उड़ाना
    कॉलेज के बहार लड़की पटाना
    फैर्वेल पे आखो का रोना
    धीमे धीमे सबसे बिछडना
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    याद आ रहा है वो जमाना
    वो वालिया की चाय
    वो मौसम सुहाना
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    मनीष शुक्ल
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