सिर्फ हस दो इतने से ही राहत है मुझे
सारे जहा में अब क्या देखू
बस आपकी ही आदत है मुझे
आपके दिल में भी कही हु मै
ये सोचके बड़ी हैरत है मुझे
सारे सहर में चर्चा है मेरा अब
ये आपकी ही सोहरत है मुझे
आपको चाह के गुनाह नहीं किया मैंने
"मनी"बता दो ऐसी ही मोह्हब्ब्त है मुझे
......................मनीष शुक्ल