भोपाल गैस कांड : जिम्मेदार कौन ?

Posted on
  • Thursday, June 10, 2010
  • मैं मनीष तिवारी अपने विचारों के साथ आपके सामने उपस्थित हूँ ,


    गैस रिसाव के बाद लगा लाशों का ढेर 
                                      कल काफी लम्बे समय के बाद भोपाल गैसकाण्ड का फैसला आया , उम्मीद  थी  कि एक लम्बे  समय के बाद ही सही कम से कम गैस पीड़ितों को न्याय तो मिलेगा , पर सारी उम्मीदें फैसला आने के साथ ही समय धूमिल हो गयीं , और साथ ही यह भी पता चला कि २०,००० हजार लोगों की जान की कीमत है महज ५ लाख रुपये , क्योंकि सजा देने और दिलाने  के नाम पर तो बस सरकारी औपचारिकता निभा दी गयी है , हाँ इस मौके पर भी हमेशा  की तरह शासन-प्रशासन के मध्य अपनी छवि उजली रखने और सारा दोष दूसरों पर मढ़ देने का पुराना खेल शुरू हो गया है , और जब बात सहानुभूति को वोटों में कैश करने की हो तो भला  विपक्ष इसमें कैसे पीछे रहता ,
                                                                                             अब सरकार से लेकर स्वयंसेवी सगठनों और न्यायिक  तंत्र  ने आरोप लगाना शुरू कर दिया है कि पुलिस ने लापरवाही की है , पर्याप्त सबूत नहीं पेश किये गए , मुकदमें के दौरान लापरवाही बरती गयी  और जानबूझकर हल्की धाराएँ लगायी गयीं ,
    पर भई  सोचने  की बात तो यह कि यह जो  सारे लोग आज हो हल्ला मचा रहे हैं, उस समय कहाँ थे जब यह सब किया जा रहा था ?
    क्या सरकार ने उस समय अपनी आँखे बंद कर रखीं थीं, जब केस के दौरान लापरवाही बरती जा रहीं थी ?
    दुधमुहे को बचाने को अंतिम सांस तक जुटी रही एक माँ
    क्या ऐसा नहीं है ?
    और अगर ऐसा नहीं है , तो भी इस सब के लिए जितनी  जिम्मेदार जांच एजेंसियां और पुलिस हैं उससे कहीं ज्यादा दोषी सरकार और यही स्वयंसेवी संगठन भी हैं !
    हाँ यदि वे दोषी नहीं हैं , तब तो फिर सभी उतने ही पाक-साफ हैं ?
    तो फिर आखिरकार भोपाल गैस त्रासदी के लिए जिम्मेदार कौन है  ?



    क्या सच में कोई नहीं ???? 

     










    असल गुनहगार कौन                                                                                       कुछ काम न आया...
    Next previous
     
    Copyright (c) 2011दखलंदाज़ी
    दखलंदाज़ी जारी रहे..!